धमतरी
![अंगना में शिक्षा कार्यक्रम, स्मार्ट माताओं को किया सम्मानित अंगना में शिक्षा कार्यक्रम, स्मार्ट माताओं को किया सम्मानित](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1720001751ngna_me_shicha-3.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 3 जुलाई। बच्चों में शिक्षा गुणवत्ता सुधार के लिए सुघ्घर पढ़वईया कार्यक्रम के तहत अंगना में शिक्षा का आयोजन जिले की 170 प्राथमिक स्कूलों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव प्राथमिक शाला मुजगहन, पुलिस अधीक्षक आंजनेय वाष्र्णेय प्राथमिक शाला शंकरदाह, डीएफओ जाधव कृष्ण प्राथमिक शाला रूद्री पहुंचे। इसके अलावा जिले की अन्य प्राथमिक शालाओां में अन्य जिला स्तरीय अधिकारियां ने अपनी सहभागिता निभायी। इस दौरान नन्हे-मुन्ने बच्चे नीले रंग के गणवेश में काफी उत्साहित दिखे। इसका जिला स्तरीय कार्यक्रम शासकीय प्राथमिक शाला क्रमांक-1 में आयोजित किया गया।
जिला स्तरीय कार्यक्रम में कलेक्टर नम्रता गांधी ने माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को खेल-खेल में सीखने का यह प्रयास सराहनीय है और यह प्रयास और भी विशेष हो जाता है जब मातायें इसमें शामिल होती है। मां बच्चें की पहली गुरू होती है, माताओं के छोटे-छोटे प्रयासों से बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। हर माता चाहती है कि उनका बच्चा आगे बढ़े, पढ़ाने का तनाव न ले। खेलकूद, कला भी शिक्षा का अंश है। अगर परिवार के सदस्य मिलकर बच्चों को छोटी-छोटी चीजें सीखाएं तो घर में पढ़ाई का माहौल बनता है, जिससे बच्चे का बौद्धिक विकास होता है।
इस दौरान कलेक्टर गांधी ने बच्चों को रोचक तरीकों से ज्ञानवर्धक गतिविधियों से रूबरू कराने बनाये गये स्टॉलों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान बच्चों को शारीरिक विकास अंतर्गत संतुलन बनाकर चलना, कूदना, पेपर फोल्डिंग, बौद्धिक विकास अंतर्गत रंग पहचानना, वर्गीकरण, क्रम से लगाना, भाषा विकास के तहत् चित्र वाचन, पढऩा, गणित पूर्व तैयारी के लिए आकार पहचानना, गिनना, अंक पहचानना और जोड़-घटना के बारे में खेल-खेल में सीखया गया। साथ ही बच्चों के शारीरिक विकास अंतर्गत रंग भरना, लिखना, और भाव पहचानने के बारे में बताया गया।
कार्यक्रम में स्मार्ट माता के रूप में मिथला रजक, महेश्वरी जोशी और शीलू बंजारे को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर माताओं ने अंगना में पढ़ाई कार्यक्रम अंतर्गत बच्चों को सीखायी जाने वाली बातों से बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास पर पडऩे वाले प्रभावों को भी साझा किया।