राजनांदगांव
![ठेका रद्द, वार्डों में फैली गंदगी से बीमारी का खतरा ठेका रद्द, वार्डों में फैली गंदगी से बीमारी का खतरा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1720089924jn__6_(2).jpeg)
निगम के पास नियमित सफाई कर्मियों का टोटा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 जुलाई। राजनांदगांव नगर निगम के 51 वार्डों की साफ-सफाई के लिए सालाना ठेका राजनीतिक महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी हितों का टकराव इस कदर बढ़ा कि ऐन बारिश के वक्त ठेका रद्द होने से वार्डों में गंदगी पसरी हुई है। रिहायशी कॉलोनियों में गंदगी का भले ही ज्यादा असर न हो, लेकिन झुग्गी झोपड़ी और निचली बस्तियों में गंदगी से संक्रमण फैलने की आशंका साफ तौर पर नजर आ रही है।
राजनांदगांव नगर निगम में ठेका रद्द होने का मामला राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है। सफाई ठेके को लेकर पक्ष और विपक्ष के पार्षद अपने चहेतों को वार्डों का ठेका दिलाने पर अमादा रहे। एमआईसी में पिछले दिनों महापौर हेमा देशमुख ने ठेका को रद्द कर दिया है।
शहर के 51 में से 27 वार्डों में शत-प्रतिशत निजी सफाई कर्मियों से काम लिया जा रहा था। ठेका रद्द होने से पूर्व 27 वार्डों की जिम्मेदारी 300 से ज्यादा सफाईकर्मियों के हवाले थी। अब ठेका रद्द होते ही सफाई कर्मियों की छुट्टी कर दी गई है। इन वार्डों में निगम के नियमित और प्लेसमेंट के कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है। नगर निगम के पास नियमित कर्मचारियों की भारी कमी है।
बताया जा रहा है कि साफ-सफाई की व्यवस्था अब धीरे-धीरे चौपट होने लगी है। निगम आयुक्त अभिषेक गुप्ता व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों की किल्लत से वार्डों में पसरी गंदगी लगातार फैल रही है। शहर के कई ऐसे वार्ड हैं, जहां गंदगी की भरमार है। लखोली, बसंतपुर, सहदेव नगर, शांतिनगर, मोतीपुर जैसे सघन बस्ती वाले वार्ड में सफाई कर्मी गिनती के नजर आ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि वार्डों की मौजूदा स्थिति बरसात के सीजन में खराब हो चली है। वार्डों की दुर्दशा साफ-सफाई के लिहाज से चिंताजनक है। बरसात के सीजन में कई ऐसे वार्ड हैं, जहां मौसमी बीमारियां पैर फैला रही है। खासतौर पर चिखली के कुछ क्षेत्रों में पीलिया की शिकायतें सामने आई है। संवेदनशील वार्डों में लखोली को भी गिना जाता है। लखोली में पहले भी पीलिया के मामले आते रहे हैं। राजनीतिक विवाद के कारण सफाई ठेका रद्द होने से शहर के हर वार्ड के चौराहों में कचरे फैले नजर आ रहे हैं। वहीं नालियां भी बजबजा रही है। ऐसे में मच्छरों का भी पनपना तय है। फिलहाल सफाई ठेका को लेकर समझौते के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। चर्चा है कि सफाई ठेका रद्द होने से सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षद सुलह का रास्ता ढूंढ रहे हैं।
समस्या का समाधान ढूंढने पूरा प्रयास-आयुक्त
सफाई ठेका रद्द होने के बाद बनी स्थिति को लेकर आयुक्त अभिषेक गुप्ता ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि समस्या का समाधान ढूंढने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है। आयुक्त का कहना है कि उनके पास वित्तीय पावर है। जिसके अंतर्गत वह कुछ संख्या में नए सफाई कर्मियों को भर्ती कर सकते हैं। फिलहाल वार्डों की स्थिति एकदम से अव्यवस्थित नहीं है। आयुक्त का कहना है कि सभी वार्डों में नियमित कर्मचारियों के अलावा प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मियों से कार्य लिया जा रहा है। शहर की साफ-सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।