राजनांदगांव
![नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में एसईसीएल प्रभावितों की बैठक नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में एसईसीएल प्रभावितों की बैठक](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1720092896G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 4 जुलाई। दो जुलाई को एसईसीएल बरौद-बिजारी के प्रभावित ग्राम कुर्मीभौंना के ग्राम पंचायत भवन में मकान सर्वे को लेकर घरघोड़ा नायब तहसीलदार विकास जिंदल के अध्यक्षता में एक विशेष बैठक आहूत की गई, जिसमें एसईसीएल के मुख्य प्रबंधक (खनन) गजभिए , ग्राम पंचायत कुर्मीभौंना के सरपंच माधुरी राठिया, उपसरपंच दामोदर बेहरा एवं पंचगणो व ग्रामवासियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
बरौद बिजारी एसईसीएल माइंस का विस्तार किया जा रहा है जो 2007 में धारा 4 का प्रकाशन किया गया था एवं 2010 में भूमि अधिग्रहण किया गया है। उक्त प्रभावित क्षेत्र के जमीनों का मुआवजा राशि टिकरा 6 लाख, खार 8 ,लाख व दो फसली भूमि का 10 लाख रु प्रति एकड़ के हिसाब से भुगतान किया जाना है चूँकि कुर्मीभौंना के समस्त जमीनों का सर्वे किया जा चुका है एवं कुर्मीभौंना के बस्ती का सर्वे प्रारम्भ किया जा गया है जिसमें लगभग 33 परिवारों ने अपने घर का सर्वे पूर्ण करा लिया गया है, परंतु कुछ ग्रामीणों का कहना है कि जमीन मुआवजा राशि के पूर्व प्रभावित हितग्राहियों को नोकरी प्रदान की जाने की मांग व अन्य मांगों को लेकर नायाब तहसीलदार के समक्ष अपनी मांग रखी।
नायाब तहसीलदार विकास जिंदल ने हितग्राहियों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की जो भी गाइड लाईन है उस गाइड लाईन के तहत समस्त प्रभावितों को जमीन व पेड़ की उचित मुआवजा राशि, प्रत्येक 2 एकड़ भूमि पर एक एसईसीएल में सरकारी नौकरी, सभी वयस्क हितग्राहियों को पुनर्वास का लाभ दिया जाएगा साथ ही मुख्य प्रबंधक खनन गजभिए के द्वारा ग्रामीणों को उनकी मुख्य समस्याओं पर फोकस करते हुये नौकरी कैसे मिलेगी उसको बताया गया साथ में नौकरी हेतु योग्यता पर किसी भी प्रकार की पाबंदी नहीं होगी किंतु उनकी शारीरिक क्षमता पर तथा सुनाई एवं दिखाई देना आवश्यक बताया गया।
मुख्य प्रबंधक गजभिए द्वारा बताया गया कि जिन प्रभावित ग्रामीणों का केवल मकान ही है तो उन्हें पुनर्वास के रूप में 3 लाख 70 हजार रुपए प्रति परिवार की पात्रता होगी। जिनके पास जमीन नहीं है उन्हें भी रोजगार मुखी कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। साथ में पुनर्वास बसाहट के नाम से यदि हितग्राही चाहे तो उन्हें 6-6 डिसमिल जमीन की पात्रता प्रत्येक वयस्क लोगों को पात्रता होगी।
ग्रामीणों की मांग है कि जमीन एवं पेड़ों का सर्वे किया जा चुका है उसका पहला पत्रक तैयार किया जाए तथा मुआवजा राशि दिया जाए, साथ ही नौकरी को मुआवजा राशि के पूर्व दिया जाए।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पुनर्वास की पात्रता वर्तमान सर्वे दिनांक से 18 वर्ष की उम्र पर ही दिया जाए, जिसको लेकर मुख्य प्रबंधक गजभिए द्वारा संभावित समस्त मांगो को पूरा करने की बात कही गई।