कवर्धा

पांडातराई पीएचसी को मिला प्रतिष्ठित एनक्यूएएस प्रमाणीकरण
13-Aug-2024 2:34 PM
पांडातराई पीएचसी को मिला प्रतिष्ठित एनक्यूएएस प्रमाणीकरण

मॉडल पीएचसी के लिए अग्रसर पांडातराई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कवर्धा, 13 अगस्त। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के पंडरिया विकास खंड में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पांडातराई को हाल ही में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणिकरण से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान केंद्र द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता और उसके सफल क्रियान्वयन को मान्यता देता है। यह प्रमाणिकरण न केवल केंद्र की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है, बल्कि स्थानीय समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति विश्वास को भी सशक्त करता है।

उत्कृष्ट प्रदर्शन और मान्यता

पांडातराई पीएचसी ने एनक्यूएएस मूल्यांकन में 89.55 फीसदी अंक प्राप्त किए, जिससे यह एक उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधा के रूप में स्थापित हो गया है। इस केंद्र का मूल्यांकन कुल 6 विभागों में किया गया, जिनमें से 5 मानदंडों को इसने सफलतापूर्वक पूरा किया। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के पीछे केंद्र प्रभारी रविन्द्र कौशिक का नेतृत्व और उनके सहयोगियों का अथक परिश्रम है। कौशिक ने इस अवसर पर कहा कि यह प्रमाणिकरण उनकी टीम के समर्पण का परिणाम है, और वे अपने समुदाय को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अफसरों की प्रतिक्रिया

जिला कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने पांडातराई पीएचसी की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह प्रमाणिकरण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. बी.एल. राज ने कहा कि यह सफलता जिले के स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती का प्रमाण है और जिले के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों को इसी तरह उच्च मानकों पर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

विकास खंड चिकित्सा अधिकारी, डॉ. अनामिका पटेल ने इस उपलब्धि को पंडरिया विकास खंड के लिए एक गर्व का क्षण बताते हुए कहा कि यह प्रमाणन इस बात का प्रतीक है कि उनके क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो रहा है।इस प्रकिया में स्वास्थ्य विभागीय अधिकारी डॉ मुकुंद राव तथा सुरेंद्र चंद्रवंशी का योगदान रहा,खंड कार्यक्रम प्रबंधक, प्रदीप सिंह ठाकुर ने बताया कि एनक्यूएएस प्रमाणिकरण एक कठिन और विस्तृत प्रक्रिया है, जो केंद्र की गुणवत्ता, रोगी देखभाल, संसाधनों के कुशल उपयोग, और निरंतर सुधार के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक, अनुपमा तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि एनक्यूएएस प्रमाणिकरण न केवल केंद्र की गुणवत्ता को स्थापित करता है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि जिले के स्वास्थ्य केंद्र उत्कृष्टता की दिशा में निरंतर अग्रसर हैं।

एनक्यूएएस प्रमाणिकरण का महत्व और लाभ

एनक्यूएएस प्रमाणिकरण किसी स्वास्थ्य केंद्र को तब प्रदान किया जाता है, जब वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सेवाएं प्रदान करने में उत्कृष्टता प्राप्त करता है। यह प्रमाणिकरण सुनिश्चित करता प्रभावी और दक्षता के साथ उपयोग किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त, यह प्रमाणीकरण केंद्र को मानकीकृत प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।

 जिससे सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतरता बनी रहती है।

इस प्रमाणिकरण के कई महत्वपूर्ण लाभ हैं। सबसे पहले, यह प्रमाणिकरण स्वास्थ्य केंद्र की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा को बढ़ाता है। प्रमाणित केंद्रों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्राप्त करने की संभावना भी अधिक होती है, जिससे वे अपनी सेवाओं में और सुधार कर सकते हैं। इसके अलावा, यह उपलब्धि स्वास्थ्य कर्मियों के मनोबल और प्रेरणा को बढ़ाने का कार्य करती है, जिससे वे और बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रेरित होते हैं।

क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में नई मिसाल

एनक्यूएएस प्रमाणिकरण के साथ, पांडातराई पीएचसी अब पंडरिया विकास खंड और समग्र कबीरधाम जिले में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का एक मॉडल बन गया है। यह उपलब्धि न केवल केंद्र के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। क्षेत्र के अन्य स्वास्थ्य केंद्र भी इसे एक उदाहरण के रूप में देखते हुए अपने मानकों में सुधार करेंगे और क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को और बढ़ाएंगे।

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