बलौदा बाजार

बच्चों के मानसिक समस्याओं के निदान में बनें सहायक
28-Dec-2020 4:54 PM
बच्चों के मानसिक समस्याओं के निदान में बनें सहायक

अंबुजा सखियों को बच्चों के मानसिक विकास और एनजाइटी समस्या एवं उसके निदान की मिली जानकारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 28 दिसंबर।
बलौदाबाजार जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सामुदायिक कार्यकर्ता (कम्युनिटी वॉलेंटियर्स) को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया। 
अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन के तत्वावधान में बच्चों की मानसिक समस्याएं और निदान विषय पर एक कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें जिला अस्पताल बलौदाबाजार की प्रोग्राम कंसल्टेंट, जिला  मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, डॉ. सुजाता पांडेय ने अंबुजा सखियों (अंबुजा सामुदायिक कार्यकर्ताओं) को बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और उसके निदान के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की।

प्रशिक्षण में विशेषकर बच्चों में एंजाइटी (एक तरह का मानसिक रोग) के बारे में विस्तार बताते हुए ऐसे बच्चों की पहचान करना, उनके साथ कैसा व्यवहार करना है और समुदाय में इस तरह के बच्चों के प्रति बर्ताव  के संबंध में बताया गया। ऐसे बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के उपाय भी सुझाए गए तथा उन बच्चों की पहचान कर उन्हें जिला अस्पताल में विशेष चिकित्सा के लिए पहुंचाने की अपील की गई।

कोरोनाकाल के दौरान पहली बार ऐसी कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 40 अंबुजा सहेलियों को मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से जोड़ा गया। अंबुजा फाउंडेशन की एरिया मैनेजर सविता दास के नेतृत्व में उक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाओं को मानसिक रोग, गैर संचारी रोग ( नॉन कम्युनिकेबल डिजीज), दिल की बामारी और पौष्टिक आहार के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। डॉ. सुजाता पांडेय ने बताया जिला अस्पताल की ओर से गैर संचारी रोगों की रोकथाम के लिए बीते तीन साल से अंबुजा सखियां सामुदायिक जागरूकता लाने का कार्य कर रही हैं। उन्हें अब मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से भी जोड़ा जा रहा है ताकि वह समाज में इस मुद्दे पर भी जन-जागरूकता ला सकें।

स्वस्थ्य जीवन शैली की सीख- खान-पान के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ्य जीवन शैली को अपनाना भी जरूरी है। कार्यशाला के दौरान उपस्थित सखियों को ध्यान, योग और प्राणायाम के साथ-साथ जुम्बा डांस के बारे में भी बताया गया। साथ ही मानसिक तनाव को दूर करने के लिए संगीत और नृत्य को अपनाने पर जोर दिया गया। इस दौरान प्रशिक्षिका डॉ. पांडेय ने महिलाओं को छत्तीसगढ़ के पारंपरिक लोक नृत्य पंथी कर तनाव दूर करने और शारीरिक स्वस्थ्यता हासिल करने की जानकारी प्रदान की।
 

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