महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 9 जनवरी। पंचायत सचिवों को शासकीय कर्मचारी घोषित करने और रोजगार सहायकों का वेतन निर्धारित कर नियमितिकरण की मांग को लेकर धरने पर बैठे सचिव और रोजगार सहायक संघ के सदस्यों न शुक्रवार को पूरे प्रदेश में धिक्कार दिवस के रूप में मनाया।
महासमुन्द में जिला मुख्यालय से लेकर ब्लॉक मुख्यालयों में धरने पर बैठे पंचायत सचिव व रोजगार सहायकों ने धिक्कार दिवस मनाते हुए दुकानों और राहगीरों से भीख मांगा। भीख से जमा हुए रुपए को कलेक्टर को सौंपकर राज्य सरकार को पहुंचाने का निवेदन किया। जिला मुख्यालय में पंचायत सचिव व रोजगार सहायकों ने दोपहर 12.30 से धरना स्थल पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उसके बाद एक रैली निकालकर दुकानदारों और सडक़ पर चलने वाले राहगीरों से भीख मांगा। भीख मांगकर धन संग्रहण करने के बाद राज्य शासन को भेजने के लिए कलेक्टर को सौंपा।
पंचायत सचिव संघ के महासमुन्द ब्लॉक अध्यक्ष राजकुमार ध्रुव ने कहा कि सरकार ने हमें जन्म तो दे दिया लेकिन पालन.पोषण से भाग रही है। राज्य की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत सचिवों को शासकीयकरण का वायदा किया था। वहीं रोजगार सहायकों को भी नियमितिकरण की बात कही थी। आज हालात यह है कि सरकार बनमे हुए दो साल हो गए हैं। हम अपना हक सरकार से मांग रहे हैं लेकिन हमें फंड नहीं होने का हवाला देकर हमारी मांगों से किनारा कर रहे हैं। फंड का रोना रोने वाले राज्य सरकार को हम भीख मांगकर उसे धिक्कार रहे हैं। भीख के दौरान जमा हुए रुपए को कलेक्टर को सौंपकर राज्य सरकार को पहुंचाने का निवेदन करेंगे।
शासकीयकरण की मांग को लेकर प्रदेश पंचायत सचिव पिछले 14 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। सचिव संघ मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल वापस लेने के मूड में बिलकुल भी नहीं है। प्रदेश पंचायत सचिव संगठन सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए 20 दिन के कार्यक्रम का ब्योरा जारी किया है। पंचायत सचिव मांगों को लेकर 9 जनवरी प्रदेश के सभी ब्लॉक मुख्यालय में हल्ला बोल कार्यक्रम करेंगे।
इस दौरान थाली, नगाड़ा, टीपा बजाकर, हल्ला कर सरकार को मांग पूरी करने के लिए कोसेंगे। वहीं 11 जनवरी प्रदेश के सभी धरना स्थल में सरकार को नींद से जगाने के लिए भैंस लाकर उनके सामने बिन बजाएंगे। पंचायत सचिव अपनी मांगों से आम लोगों को जोडऩे और उनका समर्थन पाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लेंगे। सचिव सभी कार्यक्रम का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया में पोस्ट करेंगे। साथ ही पत्र लिखकर सीएम को भेजकर मांगों को पूरा करने की अपील करेंगे।