महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 10 जनवरी। पंचायत सचिवों को शासकीय कर्मचारी घोषित करने और रोजगार सहायक वेतन निर्धारित कर नियमितिकरण की मांग को लेकर पिछले 15 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं।
अपनी मांगों को पूरा करने को लेकर पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों ने शनिवार को पूरे प्रदेश में सरकार को नींद से जगाने के लिए धरना स्थल पर थाली, ढोल और नगाड़े बजाए। जिला मुख्यालय में भी पंचायत सचिव 26 दिसम्बर व रोजगार सहायक 30 दिसम्बर से अपने 3 सूत्रीय मांगों को लेकर संयुक्त रूप से अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे हैं। इन्होंने सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए हवन पूजन किया वहीं 8 जनवरी को रोजगार सहायक और पंचायत सचिव संघ ने भीख मांगकर विरोध जताया। 9 जनवरी शनिवार को सचिव और रोजगार सहायक संघ ने सरकार को नींद से जगाने हल्ला बोल प्रदर्शन किया।
सचिव संघ के ब्लॉक अध्यक्ष राजकुमार ध्रुव और रोजगार सहायक संघ ब्लॉक अध्यक्ष राजकुमार हरदेव ने कहा कि आंदोलन के जरिये सोई हुई सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने और सरकार को जगाने की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि शासकीयकरण की मांग को लेकर प्रदेश पंचायत सचिव पिछले 15 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। सचिव संघ मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल वापस लेने के मूड में बिलकुल भी नहीं है। पंचायत सचिव मांगों को लेकर 12 जनवरी को प्रदेश के सभी धरना स्थल में सरकार को नींद से जगाने के लिए भैंस लाकर उनके सामने बीन बजाएंगे। वहीं 12 से 20 जनवरी तक क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे। पंचायत सचिव और रोजगार सहायक सभी कार्यक्रम का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया में पोस्ट करेंगे। पंचायत सचिवों के हड़ताल पर चले जाने से जिले समेत प्रदेश के सभी पंचायतों में विकास के काम पूरी तरह ठप पड़ गया है। हालात यह हो गई है कि पूर्व में हुए निर्माण कार्यों की राशि का न तो भुगतान हो पा रहा है और न ही नए काम शुरू हो पा रहे हैं। पंचायतों में होने वाली ग्राम सभा की बैठक भी आंदोलन के कारण प्रभावित हो रही है। साथ ही छात्रों को आय प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भटकना पड़ रहा है।