बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरसीवां, 29 जनवरी। कल पूरे सरसीवां क्षेत्र में छेरछेरा बड़ी धूमधाम से मनाया गया। यहां सुबह 8:00 बजे से ही बच्चों की टोलियां गांव की गलियों में एकत्र होकर घर घर जाकर छेरछेरा देने की आवाज के साथ छेरछेरा मांगते दिखाई दिए। वहीं कुछ नौजवान युवक भी छेरछेरा मांगते दिखाई दिए इस समय अधेड़ उम्र व बुजुर्ग उम्र के लोगों द्वारा छेरछेरा नहीं मांगे । पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष यह त्यौहार फीका रहा ।
लोक परंपरा के अनुसार पौष महीने की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष छेरछेरा का यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सुबह से ही बच्चे, युवक व युवतियाँ हाथ में थैला टोकरी, बोरी आदि लेकर घर-घर छेरछेरा माँगते हैं। वहीं युवकों की टोलियाँ छेरछेरादेने की आवाज लगाते हुए, घर-घर पहुँचती हैं। प्रतिवर्ष धान मिंसाई हो जाने के बाद गाँव में घर-घर धान का भंडार होता है, जिसके चलते लोग छेर छेरा माँगने वालों को दान करते हैं।
इन्हें हर घर से धान, चावल वह छोटे बच्चों की टोलियां को चॉकलेट वितरण किया जाता है व नकद राशि भी दान के रूप में मिलती है। इस त्योहार के दिन कामकाज पूरी तरह बंद रहता है। इस दिन लोग प्राय: गाँव छोडक़र बाहर नहीं जाते।
वह अपने घरों में ही अनेक प्रकार के मिष्ठान के साथ खाने के समाना बनाकर पुस पुन्नी का यह पर्व छेरछेरा त्यौहार खुशी खुशी मनाते हैं।