बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 24 फरवरी। बलौदाबाजार छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। एक मार्च को पेश होने वाले वर्ष 2021-22 के बजट को लेकर जिले की 15 लाख आबादी को खासी उम्मीद है कि इस बार रेल लाइन के लिए राज्य सरकार अपने हिस्से की 49 फीसदी राशि का प्रावधान इस बजट में करेगी।
राज्य सरकार के हिस्सेदारी वाली राशि का बजट में प्रावधान नहीं होने के कारण दुर्ग-नया रायपुर, बलौदाबाजार-शिवरीनारायण खरसिया रेल लाइन परियोजना अब तक अधर में लटकी है। इसके लिए ढाई वर्ष पूर्व भू अधिग्रहण का विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है, मगर जिले के जनप्रतिनिधियों द्वारा किसी प्रकार की रुचि नहीं ली जा रही है। क्षेत्रवासियों का मानना है अगर जनप्रतिनिधि सरकार पर दबाव बनाते हैं तो इस बार राज्य सरकार रेल लाइन के लिए बजट में राशि का प्रावधान कर सकती है। दुर्ग, नया रायपुर, बलौदाबाजार, शिवरीनारायण खरसिया रेल लाइन परियोजना की कुल लागत का 49 फीसदी फंड राज्य सरकार को देना है।
2022 तक काम पूरा करने रखा गया है लक्ष्य
266 किमी लंबी रेलवे लाइन के निर्माण में 4900 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रोजेक्ट पूरा होने में दो साल लगेंगे। यानी 2022 तक समय सीमा निर्धारित की गई है, लेकिन काम शुरू होने में हो रही देरी को देखते हुए 2022 तक काम पूरा होने की संभावना कम है। इस रेल प्रोजेक्ट से छत्तीसगढ़ के कई इलाके ऐसे हैं, जो आजादी के बाद रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। इससे उन इलाकों में रहने वाले लोगों को यात्री ट्रेन की सुविधा तो मिलेगी ही, लाइन का कॉमर्शियल इस्तेमाल भी होगा। यह लाइन जिन इलाकों से गुजरेगी, वहां सीमेंट तथा अन्य बड़ी संख्या में उद्योग हैं, इसलिए यह रुट ढुलाई के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
केंद्र सरकार पहले ही दे चुकी है 51 प्रतिशत राशि
केन्द्र सरकार ने अपने पिछले साल के बजट सत्र में ही रेल लाइन निर्माण के लिए 51 फीसदी राशि शामिल कर दी है, लेकिन राज्य शासन द्वारा अपने हिस्से की 49 प्रतिशत राशि का बजट का प्रावधान नहीं किए जाने के कारण भू-अर्जन की कार्रवाई लंबित है। छत्तीसगढ़ रेल कार्पोरेशन द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए 4 साल पहले कराया गया भौतिक सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। रेलवे लाइन जिस-जिस दिशा से गुजरने वाली है वहां पर क्या-क्या है, प्रोजेक्ट पर आने वाला खर्च तथा यात्री एवं माल लदान से होने वाली संभावित आय का ब्यौरा तैयार कर रेलवे बोर्ड के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था।
इस पर रेलवे बोर्ड ने सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। इस रेल कॉरिडोर की लागत 4900 करोड़ रुपए तथा प्रोजेक्ट पूर्ण होने में 4 वर्ष का समय लगने का अनुमान बताया गया था। सूत्रों के अनुसार इसमें रेलवे की कोई हिस्सेदारी नहीं होगी, कंपनी अपने स्तर पर इस प्रोजेक्ट के लिए पार्टनर की तलाश करेगी किंतु इस पर चलने वाली मालगाड़ी से होने वाली आय का कुछ हिस्सा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे छत्तीसगढ़ रेल कार्पोरेशन को अदा करेगा।
2 साल पहले जारी हुई थी भू-अर्जन के लिए अधिसूचना
2 साल पहले धारा 21 भू-अर्जन के लिए प्रथम अधिसूचना जारी की जा चुकी है। भू-अर्जन के लिए गांवों की जमीन को चिह्नांकित किया गया है।अमलडीह, गाडाभाट, सरकीपार, छेरकाडीह, रेंगाडीह, मुसवाडीह, चुचरूंगपुर, घिराही, परसवानी, जारा, खपरी जैसे गांव की 343.56 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। ऐसे में इन गांवों के जिन किसानों की भूमि या खेत चिह्नांकित किए गए हैं वे अपनी भूमि के संबंध में दुविधा में फंसे हैं।
बढ़ेगा व्यापार, मिलेगा रोजगार-चेम्बर अध्यक्ष
चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जुगल भट्टर का कहना है कि रेल लाइन बलौदाबाजार वासियों का सपना है, जो जनप्रतिनिधियों के प्रयास से पूरा हो सकता है। रेल लाइन जिले के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी, ट्रेन चलने से जिले में व्यापार बढ़ेगा। युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। रायपुर में पढऩे वाले छात्रों को भी आने-जाने में आसानी होगी।
विधायक बोले-पुरजोर तरीके से उठाएंगे मांग
मामले में प्रमोद शर्मा, विधायक बलौदाबाजार का कहना है कि रेल लाइन बलौदाबाजार क्षेत्र की बड़ी व पुरानी मांग है। विधानसभा सत्र के दौरान परियोजना के लिए बजट में राशि की मांग पुरजोर तरीके से करूंगा।