बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 18 मार्च। हादसों का केंद्र बन चुका सकरी बाइपास पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जिससे अब तक कई जाने जा चुकी हैं। तेज रफ्तार से बेलागम दौड़ते भारी वाहन की चपेट में अक्सर दो पहिया व चारपहिया सवार ही हादसे का शिकार होते हैं। दुर्घटनाओं से निपटने के प्रशासन ने भी अब तक कोई कदम नहीं उठाया है।
बीते दिनों ‘छत्तीसगढ़’ ने लगातार हो रही दुर्घटनाओं का कारण जानने के लिए बाइपास सडक़ का निरीक्षण कर इस संबंध में जानकारों व अधिकारियों से चर्चा भी की। इस दौरान बाइपास सडक़ की बड़ी खामियां सामने आईं। जिस पर जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को ध्यान आकर्षण करने की आवश्यकता है।
विदित हो कि चारों ओर से बहुराष्ट्रीय सीमेंट कंपनियों से घिरे बलौदाबाजार शहर पर सीमेंट सयंत्रों को कच्चे माल की सप्लाई व तैयार सीमेंट के परिवहन के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में भारी मालवाहक ट्रकों का शहर में प्रवेश होता था, जिससे शहर में घटने वाली अप्रिय घटनाओं व यातायात दबाव को कम करने के लिए छह वर्ष पूर्व बाई पास सडक़ का निर्माण किया गया था जिसके लिए 2012 में 3852.10 लाख की राशि शहर के बाहर 12.378 किमी लंबी सडक़ निर्माण के लिए स्वीकृत हुई थी।
चौराहों को बना दिया गया व्यावसायिक स्थल -धसकरी बाइपास पर अवैध रूप से थोक सब्जी मंडी संचालित हो रही हैं जिसका शहर के टाउन एंड कंट्री मास्टर प्लान में ये स्थान प्रस्तावित नहीं हैं। कुछ लोगों ने खेत को पाट कर बगैर किसी अनुमति या डायवर्सन के अवैध रूप से मंडी का संचालन शुरू कर दिया है।
शहर से लगे गांवों के किसान इस जगह पर सब्जियां खरीदने व बेचने आते हैं जिससे भीड़-भाड़ जैसी स्थिति बनी रहती है। साथ ही इस अवैध व्यापारिक गतिविधियों के कारण आसपास में होटल, पान दुकानें व फुटकर दुकाने भी खुल गई। इस अति संवेदनशील चौराहे पर आमजनों की जरा सी भी लापरवाही वाहन चालकों व आमजनों दोनों के लिए घातक हैं। जनहित के लिए इस अवैध मंडी को बंद करने से संभावित अप्रिय घटनाओ से बचा जा सकता है।
दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए पुलिस अधीक्षक को सिस्टेमैटिक प्लान तैयार करने का निर्देश दिया गया है। जो भी खामियां नजर आएंगी उस पर काम किया जाएगा।
-सुनील कुमार जैन, कलेक्टर