बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 19 मार्च। जीवन में रंगों का उत्साह भरने होली त्योहार करीब आ रहा है। इस बार 28 मार्च को सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग में गोधुली बेला में होलिका दहन होगा। इसके अगले दिन 29 मार्च को लोग एक दूसरे को रंगों में सराबोर करेंगे। इसी दिन से गणगौर पूजा प्रारंभ होगी। इसके लिए शहर के मुख्य बाजारों में रंग गुलालों की दुकानें भी सजने लगी है। वहीं शहरभर में 50 से अधिक जगहों पर होलिका दहन किया जाएगा, जिसकी तैयारियां भी चल रही है।
होलाष्टक में नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य
पंडित धनेश्वर प्रसाद शास्त्री ने बताया कि 21 से 28 मार्च तक होलाष्टक है। होलाष्टक में मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं, लेकिन पूजा पाठ पर रोक नहीं है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा 27 मार्च की रात 3. 27 बजे से 28 मार्च की रात 12.18 बजे तक है। शास्त्रानुसार शुभ कार्य के लिए सूर्योदय की तिथि मान्य होती है इसलिए 28 मार्च को गोधूली बेला में होलिका दहन होगा। हिन्दी पंचांगों के अनुसार 28 मार्च को सुबह 6.26 से 29 मार्च को सुबह 6.25 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग है। 28 मार्च को शाम 5.36 से 29 मार्च को सुबह 6.25 बजे तक अमृत सिद्धि योग है। होलिका दहन का श्रेष्ठ समय 28 मार्च को शाम 6.38 से 6.50 बजे तक है। वहीं 27 मार्च को रात 3.27 से 28 मार्च को दोपहर 1.52 बजे तक कन्या की पताल में भद्रा है।
विवाहिता व युवतियां करेंगी गणगौर पूजा
मकर शनि की स्वयं की राशि है। शुक्र सूर्य के साथ मीन राशि में जबकि बुध कुंभ राशि में होगा। होली के अगले दिन धुलंडी से गणगौर पूजा प्रारंभ होगी। विवाहिताओं और युवतियों द्वारा गणगौर पूजा की जाएगी। ईसर के रूप में भगवान शिव और गौरा के रूप में पार्वती की पूजा की जाएगी। होलिका दहन की भस्म को शुभ माना गया है इसलिए गणगौर बनाने में मिट्टी के साथ होलिका दहन की भस्म काम में ली जाती है। 15 अप्रैल को गणगौर पूजा का समापन होगा।
पंडित धनेश्वर प्रसाद शास्त्री के अनुसार हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रहलाद पर जिस जिस तिथि व वार में आघात या उन्हें मारने का प्रयास किया, उस दिन व तिथि को भगवान विष्णु भी हिरण्यकश्यप से क्रोधित हो जाते हैं। इन आठ दिनों में यानि अष्टमी को चन्द्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरू, त्रयोदशी को बुध, चतुदर्शी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु उग्र रूप लिए माने जाते हैं इसलिए इन दिनो में पूजा पाठ को छोडक़र शेष शुभ कार्य वर्जित माने जाते है।
होलिका दहन का श्रेष्ठ समय 28 को शाम 6.38 से 6.50 बजे तक।