कांकेर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर, 19 जुलाई। कांकेर के ऐतिहासिक गढिय़ा पहाड़ को सौंदर्यीकरण के नाम पर आधिपत्य करने की नगरपालिका की मांग को खारिज करने सैकड़ों ग्रामीण सडक़ पर उतर आए।
शनिवार को कलेक्टर को दिए ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा है कि सौंदर्यीकरण के नाम पर रियासतकालीन खजाने को हथियाने की साजिश की जा रही है। पहाड़ का आधिपत्य करने की पालिका की मांग को खारिज नहीं की जाती है तो ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
ग्रामीणों का कहना है कि गढ़ पिछवाड़ी के पहाड़ों में देवी देवताओं का वास है। यहां रियासत काल का खजाना छुपा हुआ है। जिसे खुदाई कर हथियाने की साजिश की जा रही है, जिसे वे कदापि पूरा नहीं होने देंगे। सौंदर्यीकरण के नाम से गढिय़ा पहाड़ को आधिपत्य में लेने की पालिका की साजिश को नाकाम करने सैकड़ों ग्रामीण लामबंद हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि गढिय़ा पहाड़ एक ऐतिहासिक धरोहर है। पहाड़ एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होता जा रहा है। पहाड़ के उपर अद्भुत सोनई-रुपई तालाब है। गढिय़ा देवता का मंदिर है। बाद में वहां योगमाया कांकेश्वरी देवी की भी स्थापना की गई है। इसके अलावा सिंहद्वार, टुरी हटरी आदि दर्शनीय स्थल है। इसे नगरपालिका स्वामित्व प्रदान करने प्रशासन से मांग की है। जब यह बात ग्रामीणों तक पहुंची तो वे सकते में आ गए, वे इसका विरोध करने लामबंद होकर गांव में बैठकें की। इसके बाद वे सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा करने, ऐतिहासिक तालाबों के जल स्तर गिरने से बचाने, धार्मिक व आस्था केंद्रों की रक्षा करने आदि 10 कंडिकाओं मेेें मांग प्रस्तुत किया है। साथ ही उन्होंने गढिय़ा पहाड़ पर आधिपत्य जमाने पालिका की मांग को खारिज नहीं करने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी है।