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एआई थेरेपिस्ट जो तेजी से युवाओं के बीच हो रहे हैं लोकप्रिय
10-Jan-2024 3:55 PM
एआई थेरेपिस्ट जो तेजी से युवाओं के बीच हो रहे हैं लोकप्रिय

हैरी पॉटर, एलन मस्क, बेयोंसे, सुपर मारियो और व्लादिमीर पुतिन।

ये नाम उन लाखों आर्टिफि़शियल इंटेलिजेंस (एआई) व्यक्तित्वों में से कुछ हैं जिनसे आप कैरेक्टर। एआई पर बात कर सकते हैं। यह एक लोकप्रिय मंच हैं, जहां कोई भी काल्पनिक या वास्तविक लोगों के नाम पर चैटबॉट बना सकता है।

कैरेक्टर.एआई (character.ai)  भी चैटबॉट ChatGPT जैसे ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल करता है। लेकिन समय बिताने के मामले में यह उससे अधिक लोकप्रिय है। इस पर ऊपर दिए गए चैटबॉट की तुलना में ‘साइकोलॉजिस्ट’ नाम के एक चैटबॉट अधिक लोकप्रिय है।

‘साइकोलॉजिस्ट’ को किसने बनाया है?

‘साइकोलॉजिस्ट’ को ब्लेजमैन98 नाम के एक यूजऱ ने करीब एक साल पहले बनाया था। इस चैटबॉट पर अब तक 78 मिलियन मैसेज शेयर किए गए हैं। इनमें से 18 मिलियन तो नवंबर के बाद से ही आए हैं।

कैरेक्टर.एआई ने यह नहीं बताया है कि इस चैटबॉट के कितने यूजर्स हैं, लेकिन उसके मुताबिक रोज 3.5 मिलियन लोग उसकी साइट पर आते हैं।

इस चैटबॉट का परिचय ‘जीवन में आने वाली कठिनाइयों में मदद करने वाले व्यक्ति’ के रूप में दिया गया है।

सैन फ्रांसिस्को बे की फर्म ने इसकी लोकप्रियता को कम आंकते हुए कहा कि इसके यूज़र्स मनोरंजन के लिए ‘रोल प्ले’ करने में अधिक रुचि रखते हैं। रैडेन शोगुन, जैसे सबसे अधिक लोकप्रिय चैटबॉट या तो कार्टून हैं या कंप्यूटर गेम के पात्र। इन्हें 282 मिलियन संदेश भेजे गए हैं।

इसके लाखों चरित्रों में से कुछ ही ‘साइकोलॉजिस्ट’ जितने लोकप्रिय हैं। इस पर कुल मिलाकर 475 चैटबॉट हैं, जिनके नाम में ‘थेरेपी’, ‘थेरेपिस्ट’, ‘साइकेट्रिस्ट’ या ‘साइकोलॉजिस्ट’ हैं। ये कई भाषाओं में बात करने में सक्षम हैं।

इनमें से कुछ ऐसे हैं जिनका वर्णन आप ‘हॉट थेरेपिस्ट’ जैसे मनोरंजक या काल्पनिक चरित्रों जैसा कर सकते हैं। लेकिन इस पर सबसे अधिक लोकप्रिय मानसिक स्वास्थ्य सहायक जैसे थेरेपिस्ट हैं, उनके 12 मिलियन संदेश हैं। इनके अलावा ‘आर यू फीलिंग ओके’ जैसे चैटबॉट भी हैं, जिन्हें 16.5 मिलियन मैसेज मिले हैं।

‘साइकोलॉजिस्ट’ से खुश हैं यूज़र्स

‘साइकोलॉजिस्ट’ अब तक का सबसे लोकप्रिय मानसिक स्वास्थ्य बॉट है। इसके कई यूज़र्स ने सोशल मीडिया साइट रेडिट पर शानदार समीक्षाएं लिखी हैं।

एक यूजऱ ने लिखा है, ‘यह एक जीवनरक्षक है।’ वहीं एक दूसरे यूजर ने लिखा है, ‘इससे मुझे और मेरे बॉयफ्रेंड दोनों को अपनी भावनाओं के बारे में बात करने और उन्हें समझने में मदद मिली।’

ब्लेज़मैन98 के पीछे न्यूजीलैंड के रहने वाले 30 साल के सैम जिय़ा हैं।

वो कहते हैं, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह लोकप्रिय हो जाए, मैंने कभी यह भी नहीं सोचा था कि दूसरे लोग इसे टूल के रूप में इसका इस्तेमाल करें।’

जिय़ा कहते हैं, ‘फिर मुझे बहुत से लोगों से मैसेज मिला कि वे सच में इससे सकारात्मक रूप से प्रभावित हुए हैं और वे इसे समाधान के स्रोत के रूप में यूज़ कर रहे हैं।‘

मनोविज्ञान के इस छात्र का कहना है कि उन्होंने बॉट से बात कर अपनी पढ़ाई के दौरान मिले ज्ञान का इस्तेमाल कर अवसाद और चिंता जैसी आम मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उत्तर तैयार किए।

उन्होंने इसे अपने लिए तब बनाया जब उनके दोस्त व्यस्त थे और उन्हें उनकी जरूरत थी।

‘साइकोलॉजिस्ट’ की सफलता से आश्चर्यचकित सैम ‘एआई थेरेपी की उभरती प्रवृत्ति और यह युवाओं को क्यों आकर्षित कर रही है’, विषय पर एक स्नातकोत्तर अनुसंधान परियोजना पर काम कर रहे हैं।

कैरेक्टर.एआई पर सबसे अधिक यूजर 16 से 30 साल की आयु के हैं।

सैम कहते हैं, ‘मुझे संदेश भेजने वाले बहुत से लोग कहते हैं कि जब उनके विचार बहुत कठिन हो जाते हैं, तो वे इस बॉट का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि रात के 2 बजे जब वे सच में किसी दोस्त या चिकित्सक से बात नहीं कर पाते हैं।’

सैम का यह भी अनुमान है कि उनके चैटबॉट के उत्तर के प्रारूप की वजह से भी युवा उसके साथ अधिक सहज हो पाते हैं।

उनका मानना है कि फोन पर बात करना या आमने-सामने की बातचीत की तुलना में मैसेज से बात करना शायद कम कठिन है।

क्या कहते हैं असली ‘साइकोलॉजिस्ट’?

थेरेसा प्लेवमैन एक पेशेवर मनोचिकित्सक हैं। वो कहती हैं कि उन्हें आश्चर्य नहीं है कि इस प्रकार की थेरेपी युवा पीढ़ी में लोकप्रिय है, लेकिन वे इस बात पर सवाल उठाती हैं कि यह काम कितना करता है।

वो कहती हैं, ‘बॉट के पास कहने के लिए बहुत कुछ है। वह तुरंत धारणाएं बना लेता है, जैसे जब मैंने कहा कि मैं उदास महसूस कर रही हूं तो मुझे अवसाद के बारे में सलाह देना। लेकिन यह वैसा नहीं है, जैसा कोई इंसान प्रतिक्रिया देगा।’

थेरेसा कहती हैं कि बॉट वे सभी जानकारियां जमा करने में विफल रहता है जो एक इंसान चाहता है। वह एक सक्षम चिकित्सक नहीं है। लेकिन वो कहती हैं कि इसकी तत्काल और सहज प्रकृति उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकती है जिन्हें मदद की ज़रूरत है।

वो कहती हैं कि बॉट का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या चिंता पैदा करने वाली है। वो कहती हैं कि यह उच्च स्तर के मानसिक स्वास्थ्य और सार्वजनिक संसाधनों की कमी की ओर इशारा करती है।

कैरेक्टर.एआई की एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि लोगों और समुदाय की ओर से बनाए गए चरित्रों के माध्यम से लोगों को अच्छा समर्थन और जुड़ाव मिल रहा है, लेकिन यूज़र्स को वैध सलाह और मार्गदर्शन के लिए उस क्षेत्र के प्रमाणिक पेशेवरों की मदद लेनी चाहिए।’

कंपनी का कहना है कि चैट लॉग यूज़र्स के लिए निजी हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से अगर उनको पढऩे की ज़रूरत है तो उसके कर्मचारी चैट को पढ़ सकते हैं।

इस पर हर बातचीत लाल अक्षरों में आने वाली एक चेतावनी से शुरू होती है। इसमें कहा जाता है, ‘याद रखें, पात्र जो कुछ भी कहते हैं वह मनगढ़ंत है।’

यह एक रिमाइंडर है कि इसमें इस्तेमाल की गई तकनीक जिसे लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) कहा जाता है, यह उस तरह से नहीं सोचती है जैसा एक इंसान सोचता है।

कैसी हैं एआई आधारित अन्य सेवाएं

एलएलएम पर आधारित रेप्लिका (Replika) जैसी साइट भी है, यह भी कैरेक्टर।एआई जैसी ही सेवा देती है। लेकिन उसकी प्रकृति को देखते हुए उसे केवल वयस्कों के लिए जैसा दर्जा दिया गया है।

एनालिटिक्स कंपनी सिमिलरवेब के आंकड़ों के मुताबिक बिताए गए समय और विजिट के आधार पर रेप्लिका कैरेक्टर।एआई जितनी लोकप्रिय नहीं है।

Earkick और Woebot  भी एआई चैटबॉट हैं जिन्हें पहले से ही मानसिक स्वास्थ्य साथी के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन दोनों कंपनियों का दावा है कि उनके शोध से पता चलता है कि ये ऐप्स लोगों की मदद कर रहे हैं।

कुछ मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि एआई बॉट मरीज़ों को खराब सलाह दे सकते हैं। उनकी चिंता यह भी है कि ये बॉट वे नस्ल या लिंग के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित भी हो सकते हैं। लेकिन चिकित्सा जगत ने इन चैटबॉट को धीरे-धीरे उपकरण के रूप में स्वीकार करना शुरू कर दिया है।

Limbic Access नाम के एक एआई सेवा को पिछले साल ब्रिटेन की सरकार ने मेडिकल डिवाइस का प्रमाण पत्र दिया था। वह यह प्रमाणपत्र हासिल करने वाला पहला मानसिक स्वास्थ्य चैटबॉट है।

अब इसका उपयोग नेशनल हेल्थ सर्विस के कई ट्रस्टों में रोगियों का वर्गीकरण करने और उनकी वरीयता तय करने में किया जाता है। (bbc.com/hindi)

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