विचार / लेख
के.जी.कदम
कल शाम घर आया ही था कि एक जानकार ने तुरंत दौडक़र सूचना दी कि शर्मा जी ने ‘क्रियेटा’ खरीद ली है।
मैंने स्कूटर स्टैंड पर लगाया और बोला इस ‘क्रियेटा’ की किस्त मुझे भरनी है क्या?
वे घबराकर बोले कि ‘नहीं तो.. मैं तो ऐसे ही आपको बता रहा था।’
मैंने कहा अच्छा किया.. बता दिया..जाइए .. उधर चौराहे पर चालीस आदमी और है.. जिनको अभी तक पता नहीं है कि शर्मा जी ने क्रियेटा खरीद ली है.. जाइये ‘बता दीजिए सबको’
आपका वहां आधा घंटा और निकल जायेगा।
वे श्रीमान नाराज होकर मुंह फुलाए निकल गये।
मैं अन्दर आने के बाद सोचने लगा कि देश में शायद 90 फीसदी लोग तो सिर्फ सूचना देने के लिए जिन्दा है ‘उधर की खबर पकड़ी.. इधर परोस दो.. बस’
और खबर फिर चटपटी मसालेदार या मजेदार हो तो परोसना और भी जरूरी हो जाता है.. खबर के महत्व अनुसार ये ही लोग चलकर, दौडक़र या घर में घुस घुसकर सूचना देते हैं।
किसी की बेटी ने प्रेम विवाह कर लिया तो पड़ोसी ने दौडक़र दौडक़र हांफते हुए सबको बताया ऐसी खबरें पेट में आफरा बनाती है समय पर उल्टी ना हो तो पेट फटकर मृत्यु भी हो सकती है।
फलानी आंटी के.. पता है, ब्रेस्ट में कैंसर है .. कल ही डॉक्टर ने सैंपल भेजा है। अभी तो साठ साल की भी नहीं है एक लडक़ी तो अभी कुंवारी बैठी है.. हे भगवान।
डॉक्टर ने अभी तो सिर्फ रिपोर्ट भेजी है, पर इन्होंने कर दिया डिक्लियर ले लिया मजा सूचना देने का फिर ऊपर से सहानुभूति का नाटक..
जबकि सच्चाई यह है कि उन आंटी से इनका कोई लेना देना ही नहीं पर ये खबरी जीव है खबर पकड़ी है तो आगे भी पहुंचानी है।
यही हाल सोशल मीडिया पर है.. कोई भी, कैसा भी वीडियो, मैसेज, खबर, वचन, प्रवचन कहीं से मिला नहीं कि करो उल्टी फिर दूसरों के मोबाइल में एक सज्जन रोज मेरे को श्री प्रेमानन्द जी महाराज के वीडियो भेजते है.. शायद इस भाव से कि बेटा मैंने अपने जीवन को तो पूर्णतया प्रेमानन्द जी जैसा बना दिया है। अब ऐसे विडियो छलक रहे है तुम इन्हें देखो। और मेरी तरह हो जाऔ।
वीडियो भेजने वाले सज्जन शातिर आदमी है पर विडियो के साथ ये सच्चाई कभी नहीं दिखाई देती।
कुछ लोग मैसेज इस तरह भेजते है मानो वो मैसेज ‘वरदान’ की तरह सिर्फ उन्हें ही मिले हो और खुद भगवान ने प्रकट होकर उनको कहा हो कि ‘प्यारे पुत्र.. इस दुर्लभ मैसेज को पचास लोगों में, और पचास ग्रुप में पटक वरना मैं तुम्हें उठा लूंगा।
ये सूचना देने की, अनावश्यक मैसेज फॉरवर्ड करने की लत जो है वो आपके व्यक्तित्व का परिचय देती है कि आप कितने निठ्ठल्ले है ।
इस युग में जहां सबके हाथ मोबाइल है। उसको जो भी जरूरत है वो देख सकता है। बीमारी हो, दवा हो, गीता ज्ञान, प्रवचन, इतिहास, विज्ञान, जीवन मृत्यु से लेकर मां बाप की सेवा के फायदेज् सब गूगल पर है।
फिर क्यों अपना समय खराब करना।
और अब तक जीतने ज्ञान के विडियो देखे, मैसेज पढ़े वो कम है क्या उनको ही जी लेगें तो नैया पार लग जायेगी ये परोसने ढूंसने की आदत खत्म होनी चाहिए।
जो भी ये डाकियापंथी करते है तो आज से ही सबक ले ले दुनिया में सब लोग होशियार है सब समझदार है.. आपके ज्ञान की जरूरत नहीं है किसी कोज् हां, अपना कुछ सृजन अनुभव, विचार, या ऐसी जानकारी जो जरूरी हो.. वहां तक ठीक है।
लेकिन ये उल्टियां झेलना और करना.. आप और आपसे जुड़े लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है।
.. जै राम जी की।