गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 31 जुलाई। भाजपा रायपुर जिला ग्रामीण सहकारिता प्रकोष्ठ के सोशल मीडिया प्रभारी एवं खोरपा मंडल महामंत्री नेहरू लाल साहू ने सोसाइटियों के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने को लेकर कहा कि किसानी के अति आवश्यक समय में सोसाइटियों में ताला लगना किसानों के लिए दुर्भाग्य का सबब बन गया है।
उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय संगठन द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश की सभी सोसाइटियों के कर्मचारी 24 जुलाई से आपातकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। 27 जुलाई को विधानसभा घेराव करके प्रदेशभर के कर्मचारियों ने अपने मांगों को सरकार के बीच रखें। खेती-किसानी की महत्वपूर्ण समय पर प्रदेश की 2058 सहकारी समितियों में तालाबंदी की नौबत आ गई है।
श्री साहू ने कहा कि सरकार को कर्मचारियों के हित में तत्काल निर्णय लेकर हड़ताल वापसी के दिशा में उचित पहल करनी चाहिए, किंतु शासन-प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की पहल नहीं किया जाना सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
नेहरू साहू ने कहा छत्तीसगढ़ के इतिहास में किसानों के लिए ऐसा दुर्भाग्य की स्थिति पहले उत्पन्न नहीं हुई थी। शासन की गलत नीतियों के चलते धान उपार्जन केंद्रों में कई महीनों से धान पड़ा रह गया। जिसके कारण समय अवधि में परिवहन नहीं होने से भारी वर्षा के कारण शार्टेज आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। लंबे समय तक रखरखाव के कारण सोसायटी के कर्मियों को आर्थिक रूप से भारी नुकसान हुआ है। इन सभी की भरपाई किए जाने हेतु आवश्यक रूप से सरकार को प्रावधान किया जाना चाहिए। सोसाइटी में धान शॉर्टेज की भरपाई जहां सोसाइटियों को दिए जाने वाले कमीशन की राशि से काट ली जाती है, वहीं सोसाइटी और कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि से वंचित होना पड़ता है। इससे सोसाइटी की आर्थिक स्थिति दिनोंदिन कमजोर होती जा रहा है।
सोसाइटी में तालाबंदी होने के कारण किसानों को खाद बीज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। बाजार से ज्यादा दर पर किसानों को खाद खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है अत: सरकार तत्काल कर्मचारियों से सार्थक चर्चा कर उनकी जायज मांगों को मानते हुए हड़ताल वापसी करने के दिशा में कदम उठाएं।