गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 8 जनवरी। आईएसबीएम विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय तथा विज्ञान क्लब के संयुक्त तत्वावधान में 7 और 8 जनवरी को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन मोड में एडवांसेज इन बायोडायवर्सिटी एंड ग्रीन टेक्नोलॉजी पर विशेषज्ञों के द्वारा व्याख्यान दिया गया।
शुक्रवार को मुख्य वक्ता डॉ. एल. शिवलता, साइंटिस्ट-बीजीएमसी शहडोल ने व्याख्यान दिया। प्रो. आर के अग्रवाल, प्रिसिपल जीएनपीजी कॉलेज रायपुर, ने सामान्य परिचय और भारत जैव विविधता का प्रमुख खतरा से परिचय कराया। डॉ. ईश्वरी प्रसाद चेलक, इंचार्ज प्रिंसिपल जीएमवीपीजी महासमुंद ने अपने वक्तव्य में जेरोफाइट पौधे के बारे में बताएं।
आमंत्रित वक्ता डॉ. एन के स्वामी ने हरित प्रौद्योगिकी और सतत विकास पर तथा डॉ पूनम वर्मा आईएसबीएम विश्विद्यालय छुरा गरियाबंद , बायोजेनिक के लिए अवशेष पर वक्तव्य दिए ।
वहीं अगली कड़ी में शोध छात्र आर के देशमुख ने हरित प्रौद्योगिकी में ल्यूमिनिसेंस की भूमिका पर एवं एच एन टंडन ने गरियाबंद में तितली विविधता व सिंपल पाटिल ने लाइकेन में इंडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपना शोध प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आनंद महलवार, कुलसचिव डॉ.बी.पी.भोल एवं अकादमिक अधिष्ठाता डॉ.एन.कुमार स्वामी, डॉ. भूपेंद्र साहू डीएसडब्ल्यू एवम वि. वि. के छात्र एवं शिक्षकगण भी ऑनलाइन मोड पर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम समन्वयक के रूप में डॉ. शोहन लाल साहू और अरुण कुमार सिंह तकनीकी सहायता कामेश यादव उपस्थित रहे। प्रबंधन- गोकुल प्रसाद साहू, हेमंत पांडे, सुनील साहू, रेखा और ललिता भी उपस्थित रहीं।