गरियाबंद
ग्रीन केमिस्ट्री से पृथ्वी व पर्यावरण का बचाव संभव- डॉ. नितिन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 10 जनवरी आईएसबीएम विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय तथा विज्ञान क्लब के संयुक्त तत्वावधान में 7 और 8 जनवरी को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन मोड में संचालित किया गया, जिसका विषय - एडवांसेज इन बायोडायवर्सिटी एंड ग्रीन टेक्नोलॉजी था।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. बी पी भोल ने जलवायु परिवर्तन और सूर्य, जल और वायु को संरक्षित करने की बात कही। तत्पश्चात् इस विषय पर राज्य एवं अंतरराज्य के विशेषज्ञों एवं शोधार्थी द्वारा व्याख्यान दिया गया।
प्रथम दिवस में मुख्य वक्ता डॉ. एल.शिवलता, साइंटिस्ट-बीजीएमसी शहडोल, प्रो. आर के अग्रवाल, प्रिंसिपल जीएनपीजी कॉलेज रायपुर, डॉ. ईश्वरी प्रसाद चेलक, इंचार्ज प्रिंसिपल जीएमवीपीजी महासमुंद ने बायोडायवर्सिटी पर व्याख्यान दिए। आमंत्रित वक्ता के रूप डॉ. एन कुमार स्वामी तथा डॉ. पूनम वर्मा ने ग्रीन टेक्नॉलजी में नए टेक्नॉलजी और जनभागीदारी की ओर ज़ोर दिया। वहीं अगली कड़ी में शोधार्थियों का शोध प्रस्तुत हुए।
संगोष्ठी के अंतिम दिवस में आमंत्रित मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अरुण सिंह ने धरातलीय प्रदूषण से उत्पन्न अंतरिक्ष प्रदूषण पर, डॉ. नितिन जायसवाल ने पर्यावरण रसायन के माध्यम से ग्रीन केमिस्ट्री ओर ध्यान आकर्षित किया, डॉ. सोहन लाल और डॉ. प्रीति मिंज, ने भी जैव विविधता पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। साथ में शोधार्थी आर के देशमुख, गोकुल प्रसाद , प्रीति बिसेन, लक्ष्मीकांत सिन्हा, कामेश यादव, त्रिलोचन साहू, सुनील साहू और रेखा साहू ने भी अपने शोध कार्य प्रस्तुत किये।
संगोष्ठी के समापन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आनंद महालवार, रजिस्ट्रार डॉ. बी पी भोल, डीन डॉ. एन कुमार स्वामी , डी एस डब्लू डॉ. भूपेंद्र कुमार, विभागाध्यक्ष डॉ. सोहन लाल साहू एवं सभी विभागाध्यक्ष की गरिमामय उपस्थित रही।
कार्यक्रम में हुए ओरल में शोधार्थी प्रीति बिसेंन, आर के देशमुख और गोकुल प्रसाद एवं पोस्टर प्रतियोगिता में एमएससी भौतिकी कीललिता साहू और रसायन के कार्तिक साहू को कई शोधार्थियों में से चयनित और सम्मानित किया गया। संगोष्ठी का संचालन कमल नारायण सिंह एवं शिखा यादव द्वारा किया गया।
संगोष्ठी को सफल बनाने में हेमंत पांडेय, दाऊलाल सेन , दीपेश निषाद, एवम समस्त विज्ञान संकाय , शिक्षकों , विज्ञान क्लब और छात्र छात्राओं का विशेष सहयोग रहा।