रायगढ़

वकीलों ने तहसीलदार व कर्मी को पीटा, 3 के खिलाफ मामला दर्ज
12-Feb-2022 6:28 PM
वकीलों ने तहसीलदार व कर्मी को पीटा, 3 के खिलाफ मामला दर्ज

नाराज कर्मचारियों ने किया कलेक्ट्रेट बंद, वकील भी सडक़ पर उतरे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 12 फरवरी। रायगढ़ जिला मुख्यालय का एसडीएम कार्यालय शुक्रवार की दोपहर  उस समय अखाड़ा बन गया, जब वहां पहुंचे वकीलों ने तहसील कार्यालय से तहसीलदार सुनील अग्रवाल के साथ-साथ नायब तहसीलदार व वहां मौजूद चपरासी की गाली-गलौच करते हुए पिटाई कर दी। इस मारपीट के बाद वकीलों ने जमकर हंगामा करते हुए तहसील कार्यालय के सामने नारेबाजी की, वहीं इस मारपीट की घटना से नाराज कलेक्ट्रेट के सैकड़ों कर्मचारियों ने भी तत्काल अपने अपने कार्यालय बंद कर कामकाज भी बंद कर कलेक्ट्रेट  के सामने धरने पर बैठकर वकीलों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनके ऊपर कार्रवाई की मांग शुरू कर दी।

मामला इतना बढ़ गया है कि दोनों पक्ष थाने के सामने भी पहुंचकर एक दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए भी भीड़ गए हैं। देर शाम चक्रधर नगर थाने में तीन वकीलों के खिलाफ अलग अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू हो गई है। वकीलों के खिलाफ मामला दर्ज होनें के बाद आज सुबह से अधिवक्ता संघ के बैनर तले आपात बैठक भी शुरू हो गई है और वहीं कर्मचारी भी वकीलों के खिलाफ अपराध पंजीबद्व होने के बाद उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए हैं।

दो दिन पहले तहसील कार्यालय में एक वकील के साथ हुए विवाद के बाद शुक्रवार की दोपहर कुछ वकीलों ने मिलकर तहसील कार्यालय के भीतर पहले चपरासी को पीटा उसके बाद बीच बचाव कर रहे नायब तहसीलदार के साथ साथ तहसीलदार को भी पीट दिया।

इस घटना के बाद वकीलों ने तहसील कार्यालय के सामने एक जुटता का परिचय देते हुए जमकर नारेबाजी की और अपने साथियों के साथ तहसीलदार व चपरासी द्वारा दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की, लेकिन इसी बीच मारपीट की खबर मिलते ही देखते ही देखते पूरे कलेक्ट्रेट के कर्मचारी अपने कार्यालय में ताला लगाकर हड़ताल पर चले गए और धरना प्रदर्शन करते हुए वकीलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इन कर्मचारियों ने दोषी वकीलों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी भी की।

एक साथ कलेक्ट्रेट के सैकड़ों कर्मचारियों को सामने आता देख अधिवक्ताओं ने भी एक मार्च निकालकर चक्रधर नगर के पास पहुंचकर जमकर नारेबाजी की तथा अधिकारियों पर भ्रष्टाचार व दादागिरी का आरोप लगाते हुए जबरन वकीलों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए अपने साथी वकील के साथ दुव्र्यवहार का जिक्र किया। 

अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र पाण्डेय का कहना था कि जान बूझकर वकीलों के खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि गुरूवार के दिन हमारे कुछ साथियों को तहसील कार्यालय से धक्के मारकर निकाला गया था और शुक्रवार को हमारे कुछ साथी तहसीलदार से मिलने गए तो फिर से उनके साथ गाली गलौज व दुव्र्यवहार किया गया। उनका कहना है कि अगर तहसीलदार सुनील अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो संघ के द्वारा हड़ताल की जाएगी और ये लड़ाई पूरे छत्तीसगढ़ में लड़ी जाएगी।

वहीं कल तहसीलदार सुनील अग्रवाल के कहने पर जिस चपरासी के द्वारा अधिवक्ता से मारपीट के आरोप में अधिवक्ताओं ने चपरासी से कार्यालय परिसर के अंदर मारपीट की। इसके विरोध में आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में अपने साथी कर्मचारी के साथ मारपीट की जानकारी मिलते ही सभी कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है और उनके द्वारा सरकारी कार्यालयों में काम काज को बंद करते हुए धरने में बैठ गए हैं, पीडि़त कर्मचारियों के सहकर्मियों शेख कलीमुल्लाह खान का कहना है कि जब तक इस मामले में कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक कार्यालय का पूरी तरह बंद रहेगा।

बहरहाल शुक्रवार की देर शाम एक कर्मचारी की रिपोर्ट पर चक्रधर नगर थाने में  तीन नामजद अधिवक्ताओं क्रमश महेश पटेल, दीपक मोडक व जितेन्द्र शर्मा के खिलाफ धारा 186,353, 332,294, 34 एसटीएससी एक्ट के खिलाफ अपराध पंजीबद्व कर मामले को जांच में ले लिया है। वहीं अधिवक्ताओं पर एफआईआर के खिलाफ अधिवक्ता संघ के वकील भी घंटो तक चक्रधर नगर थाने के बाहर धरने पर बैठे रहे।  

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