रायगढ़
![3 वकीलों की गिरफ्तारी पर अधिवक्ता संघ ने जताई नाराजगी 3 वकीलों की गिरफ्तारी पर अधिवक्ता संघ ने जताई नाराजगी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16449208551.jpg)
रैली लेकर पहुंचे पुलिस अधीक्षक कार्यालय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 15 फरवरी। तीन दिन पहले तहसील कार्यालय में कुछ वकीलों द्वारा नायब तहसीलदार व चपरासी के अलावा तहसीलदार अग्रवाल के साथ हुई मारपीट के बाद पुलिस ने अब तक तीन नामजद अधिवक्ताओं को अलग अलग धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया है और बाकी दो की तलाश लगातार जारी है। एक के बाद एक अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी के बाद अधिवक्ता संघ सडक़ों पर उतरकर रैली की शक्ल में जिला न्यायालय परिसर से होते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और वहां एक प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीना से मिलकर अपनी बाते रखी, जिसमें निर्दोश वकीलों के उपर कार्रवाई नही होनें का भरोसा तथा उनके आवेदन पर जांच उपरांत कार्रवाई की चर्चा की। जिसके बाद सभी अधिवक्ता वापस लौट गए।
इस पूरे मामले में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र पाण्डेय का कहना है कि हमने पुलिस अधीक्षक से भेंट करके पुलिसिया कार्रावाई में हो रही ज्यादियां के संबंध में अपनी बातें रखी और घटना दिनांक के दिन लिखित शिकायत पर कार्रवाई संबंधी बात पर भी जोर दिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने उनकी बातें सुनी और कहा कि उनकी बातों को ध्यान में रखते हुए कोई भी पुलिस कार्रवाई जबरन किसी अधिवक्ता या उसके परिवार के खिलाफ नही की जाएगी। कानून के दायरे में रहकर ही कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। राजेन्द्र पाण्डेय ने यह भी कहा कि हमारी सदस्यों की गिरफ्तारी झूठी रिपोर्ट पर की जा रही है। जहां पुलिस अपना काम करेगी वहां न्यायालय में हम सभी अधिवक्ता न्यायालय में लडेंगे और हमारा भ्रष्टाचार का मुद्दा यथावत रहेगा।
रायगढ़ तहसील में पांच बजे के बाद जो भ्रष्टाचार का बोल बाला रहता है उसको लेकर भी सभी अधिवक्ता एकजुट होकर अपनी रणनीति तैयार करेंगे और भ्रष्टाचार की लड़ाई पूरे छत्तीसगढ़ में अधिवक्ता संघ अन्य संगठन के साथ मिलकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा। अध्यक्ष ने यह भी बताया कि राजस्व का न्यायालय का कार्य आज से पूरी तरह बहिष्कार के जरिए बंद करेंगे और उनके साथ पूरे छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों में अधिवक्ता आंदोलन कर रहे हैं।
इस संबंध में हमने जब पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीना से बात की तो उन्होंने कहा कि वकीलों ने कोई लिखित शिकायत उन्हें नही दिया है, लेकिन अधिवक्ताओं का प्रतिनिधि मंडल अपनी बातों को लेकर उनके पास पहुंचे थे। जिसमें पुलिस की सही दिशा में जांच हो और जो अधिवक्ता इस घटना में शामिल नही हैं उनको जबरन आरोप न बनाए जाए। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और बाकी दो अन्य की तलाश जारी है। अभिषेक मीना ने बताया कि वकीलों के प्रतिनिधि मंडल को यह भरोसा दिया गया है कि पुलिस न्यायापूर्ण कार्रवाई करेगी और जबरन किसी भी अधिवक्ता के उपर न तो धारा लगाई जाएगी और न उनकी गिरफ्तारी का दबाव बनाया जाएगा। लेकिन जो भी वीडियो फुटेज या अन्य गवाहों में नाम आएंगे उनके उपर न्याय संगत कार्रवाई जांच के बाद की जाएगी।
जिन लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया गया है उसमें जितेन्द्र शर्मा, कोमल साहू, भुवनराम साव की गिरफ्तारी हुई है और ये सभी गिरफ्तारी वीडियो फुटेज के आधार पर की गई और अन्य दो अधिवक्ता फरार हैं जिनकी तलाश जारी है। इस मामले में लगातार जांच जारी है, और आगे भी विधि संबंध कार्रवाई जारी रहेगी।
बहरहाल तीन अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी के बाद तहसील न्यायालय के कर्मचारियों ने अपना आंदोलन वापस लेने की घोषणा की है तो वहीं अब अधिवक्ताओं ने अपने आंदोलन को तेज करना शुरू कर दिया है। देखना यह है कि एक के बाद एक तीन अधिवक्ताओं की संगीन धाराओं के तहत अलग अलग जिलों से गिरफ्तारी होनें के बाद अन्य अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी को रोकने के लिए अधिवक्ताओं के आंदोलन को सफलता मिलती है या नही।