रायगढ़
![जिला निर्माण दायर याचिका उच्च न्यायालय में खारिज जिला निर्माण दायर याचिका उच्च न्यायालय में खारिज](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1645185101G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 18 फरवरी । विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 17 के विधायक उत्तरी गनपत जांगड़े, जिला रायगढ़ के कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरुण मालाकार साथ ही साथ सारंगढ़ के बुद्धिजीवी तबका के प्रयास और मेहनत के परिणाम स्वरूप 15 अगस्त 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला की घोषणा किए थे।
इस घोषणा के बाद सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला निर्माण का विरोध होने लगा। जहां एक तरफ अपनी कुर्सी बचाने के लिए बरमकेला में जबरिया लंबा हड़ताल करवाया गया, तो दूसरे तरफ बिलाईगढ़ से भी सारंगढ़ जिला में नहीं रहने की बात उठी। दोनों पक्ष सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला के खिलाफ उच्च न्यायालय बिलासपुर गयें, जहां मुख्य न्यायधीश अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए याचिका खारिज कर दी है।
विदित हो कि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने हाल ही में राज्य में एक नया जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के निर्माण के खिलाफ जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना को रद्द करने की मांग की थी, इसके तहत छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 13(2) के तहत रायगढ़ और बलोदाबाजार भाटापारा की सीमा में परिवर्तन करके नए जिले का निर्माण करने की मांग की गई थी। आवेदन ग्राम पंचायत कंडोला ने अपने सरपंच ओंकार पटेल के माध्यम से दायर किया गया। अतिरिक्त महाधिवक्ता मीना शास्त्री ने प्रस्तुत किया कि इस विषय पर 4 जन हित याचिका सभी याचिकाएं 2022 में दायर की गई थी, जो पहले से ही न्यायालय के समक्ष लंबित है।
उसी मामले पर एक और जनहित याचिका पर विचार करने का कोई औचित्य नहीं। कोर्ट ने कहा कि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट नियम 2007 के नियम 79(1) के लिए आवश्यक है कि - याचिका में याचिकाकर्ता का बयान शामिल होना चाहिए कि क्या उसी कारण से संबंधित न्यायालय में कोई याचिका दायर की गई है । चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की और और सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला को लेकर लगाए गए जनहित याचिका को खारिज कर दिया है।