रायगढ़

महिला कांग्रेस अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद भी बवाल जारी
25-Feb-2022 3:13 PM
महिला कांग्रेस अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद भी बवाल जारी

अब पार्टी से निष्कासन करने की उठ रही मांग  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 25 फरवरी। 
नगर निगम के 16 कांग्रेसी पार्षद सहित पूर्व सभापति व एमआईसी सदस्यों का कांग्रेस पार्टी से सामूहिक इस्तीफा देने के ऐलान के बाद रायगढ़ नगर पालिक निगम में सियासी घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस पार्षद घटना के दूसरे दिन भी इस्तीफे की बात पर अड़े हुए हैं। हालांकि उनकी ओर से ये बयान आया है कि पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम से समय नही मिल पाने के कारण पार्षद रायपुर प्रवास पर नहीं जा पाये हैं। पार्षदों का कहना है कि समय मिलने के बाद पार्षद दल रायपुर जाकर पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम से मिलेंगे और अपनी बात रखेंगे। उनका ये भी कहना है कि बरखा सिंह को पार्टी से निष्कासित किया जाए। कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि बरखा सिंह के इस्तीफे की बात सोशल मीडिया पर जरूर है लेकिन अब तक उन्हे इस्तीफे की जानकारी संगठन स्तर पर नहीं मिली है। ऐसे में पार्षद दल अपनी बात पर कायम है।

इधर कांग्रेसी पार्षदों के इस्तीफे की खबर आने के बाद भाजपा को भी कांग्रेस को घेरने का मौका मिल गया है। भाजपा के वरिष्ठ पार्षद व पूर्व सभापति सुभाष पाण्डेय ने इस्तीफे के इस पूरे घटना क्रम को महज एक नौटंकी बताते हुए कहा कि इनकी आपसी महत्वाकांक्षा इनकी पद की लड़ाई है जिसके कारण वे जनहित के कार्यों को पूरी तरह अनदेखा कर रहे हैं। रायगढ़ नगर निगम के दो वर्ष के कार्यकाल में एक भी महत्वपूर्ण काम इन्होंने संपादित नहीं होने दिया।

निजी महत्वाकांक्षा के कारण इन्होंने स्वच्छता से लेकर पेय जल आपूर्ति, संजय कांप्लेक्स निर्माण, ट्रांसपोर्ट नगर सहित अन्य किसी कामों में रूचि नहीं दिखाई। कांग्रेसी शहर सरकार की आपसी लड़ाई का परिणाम आज नगरवासी भुगत रहे हैं। महापौर, सभापति और विधायक तीनों की गुटबाजी का नतीजा है कि रायगढ़ नगर का विकास अपने आप ठहर गया है। उन्होंने आगे कहा कि महापौर और सभापति दोनो ही अपने पार्षदों का विश्वास खो बैठे हैं। अब कांग्रेस पार्षदों का ही कांग्रेस के प्रति विश्वास नहीं है। एमआईसी के गठन से लेकर विभिन्न निर्माण कार्यों के उद्घाटन के अवसर पर यह दिखता है कि कांग्रेस की गुटबाजी चरम सीमा पर है। ऐसे में नैतिकता के नाते महापौर और सभापति को स्वत: अपने पदों इस्तीफा देना चाहिए। अगर वे इस्तीफा नहीं देते तो भाजपा पार्षद दल अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में विचार करेगी।

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