गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 15 अक्टूबर। आदिवासियों को दिए जाने वाले आरक्षण में कटौती से आक्रोशित आदिवासी समाज तीन सूत्रीय मांगों को लेकर जनआक्रोश रैली निकाल कलेक्टोरेट का घेराव कर राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
शुक्रवार को अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के बैनर तले जिले के हजारों महिला-पुरुष अपनी पारंपरिक वेशभूषा में जिला मुख्यालय स्थित आदिवासी विकास परिषद भवन गरियाबंद में एकत्रित हो दोपहर बाद परिषद से विशाल रैली निकाली। रैली जगह-जगह धरना प्रदर्शन करते हुए तिरंगा चौक पहुंची, जहां आदिवासी प्रतिनिधि चौक पर ही कुछ देर के लिए सडक़ पर ही लेट गए। पुलिस की समझाईश के बाद आक्रोश रैली कलेक्टोरेट पहुंची, जहां शासन-प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी करते रहे। पुलिस प्रशासन द्वारा कलेक्टोरेट के मुख्य गेट को बेरीकेट को तोडऩे के प्रयास में जमकर धक्का-मुक्की हुई।
इस बीच कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की मांग को लेकर मुख्य सडक़ मार्ग को जाम कर धरने पर बैठ गए। आदिवासी जन प्रतिनिधियों ने कहा कि अधिसूचित क्षेत्र में आदिवासियों की जनसंख्या 70 से 100 फीसदी है, उसी अनुपात में समाज आर्थिक समाजिक शैक्षणिक एवं राजनैतिक रूप से पिछड़े हैं। अगर जनसंख्या के अनुपात में आदिवासी की 32 फीसदी आरक्षण नहीं दी जाती है तो आदिवासियों की हालत और बदतर हो जाएगी। पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में पेशा एक्ट ग्राम सभा का पूर्णत: पालन नहीं होने से आदिवासी समाज अपने संवैधानिक अधिकार से वंचित हो रहा है। आदिवासियों की रूढ़ीजन्य परंपरागत बोली भाषा, देव देवालय पर दूसरी संस्कृति का प्रभाव लगातार बढ़ रही है। जिसके चलते नारी मूल संस्कृति खतरे में पड़ गए है। हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ के द्वारा आदिवासियों के 32 फीसदी आरक्षण में कटौती करते हुय 20 फीसदी कर दिया गया है एवं पांचवी अनुसूची पेसा एक्ट पूर्णतया पालन किया जाय, ग्राम सभा के फैसले का उल्लंघन न हो।
वहीं अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में शीघ्र अध्यादेश बुलाकर जनसंख्या के अनुपात में दिए गए 32 प्रतिशत आरक्षण को यथावत रखा जाए। आराध्य एवं ग्राम देवी मां जतमई पर प्रशासन व गैर संगठन के द्वारा कब्जा किया जा रहा है।
लगभग आधे घंटे के बीच में आदिवासियों की मांग पत्र लेने कलेक्टर पहुंच कर आदिवासी जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान प्रमुख रूप से महेंद्र नेताम, उमेंदी कोरर्म, गोवर्धन सिंह मंझी लोकेश्वरी नेताम, विष्णु नेताम, यशवंत सोरी, मनीष ध्रुव, पुरुषोत्म ध्रुव, सुरेखा, हरीश चंद्र सोरी, विजेंद्र कुमार ध्रुव, आदि महिला पुरुष मौजूद रहे।