गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 19 अक्टूबर। ईडी के छापे में छत्तीसगढ़ के कई आईएएस अफसरों और राजनेंताओ के यहां बड़ी मात्रा में नकद, ज्वेलरी और भ्रष्टाचार के सारे सबूत मिलने के बाद अब भाजपा राज्य की कांग्रेस सरकार पर आक्रामक है। भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इसे छत्तीसगढ़ के इतिहास का काला अध्याय बताया हैं। मामले को लेकर सोमवार को महासमुंद लोकसभा के सांसद चुन्नीलाल साहू ने प्रेस कान्फ्रेस की।
सोमवार को सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान महासमुंद सांसद साहू ने कहा कि ई डी के प्रेस नोट के माध्यम से कहा कि छत्तीसगढ़ में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार के रैकेट की पोल खोल दी है। हम सब ने कभी सोचा भी नहीं था कि कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का, किसानों का, आम जनता की मेहनत का पैसा, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जाएगा। एक तरफ सरकारी योजनाओं को देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार अपनी सारी सीमाएं लांघ दी है। यह छत्तीसगढ़ इतिहास के लिए एक काला अध्याय हैं। बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बनाया गया है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह, व्यापारी राजनेता और बिचौलिए जुड़े है।
सांसद ने कहा की छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली की जा रही हैं। प्रतिदिन 2 से 3 करोड़ रुपये जबरन वसूले जा रहे है। इस प्रकार हजारों करोड़ रुपये वसूली कर गलत कृत्यों में इस्तेमाल किए जा रहे।
सांसद साहू ने ईडी के प्रेस नोट का हवाला देते हुए कहा ईडी ने करीब 4.5 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, सोने के आभूषण, सराफा और करीब दो करोड़ रुपये मूल्य के अन्य कीमती सामान जब्त किए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार करने के लिए बाकायदा नियम बदले गए। कोयले को खदानों से उपयोगकर्ताओं तक मैनुअल जारी करने के लिए ई-परमिट की पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया को संशोधित किया गया था। अनापत्ति प्रमाण पत्र इस संबंध में कोई एसओपी या प्रक्रिया परिचालित नहीं की गई थी। भ्रष्टाचार किस प्रकार से किस प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है इसकी भी विस्तार से जानकारी ईडी ने अपने प्रेस नोट में दी है।
प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश साहू, महामंत्री अनिल चंद्राकर, मुरलीधर सिन्हा, बलदेव सिंह, मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र सोनटेके, पारस ठाकुर, राधेश्याम सोनवानी, मौजूद थे।