मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 26 नवम्बर। देश भर में काले हीरे की नगरी के नाम से विख्यात कोयला नगरी चिरमिरी में कोयले के अवैध कारोबार बेखौफ होकर किया जा रहा है। लठैतों व गुंडों के दम पर कोयला माफिया अवैध कारोबार कर रहे हैं और प्रशासन आंख बंद किए बैठा है। नवगठित जिले मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के चिरमिरी और भरतपुर में अवैध कारोबार इस तरह अपना पैर पसार चुका है कि यहां कार्रवाई करने से प्रशासन के हाथ-पैर भी कांपते हैं।
लठैतों के दम पर दिन-रात हो रहा अवैध उत्खनन
कोयला नगरी के नाम से प्रसिद्ध चिरमिरी के छोटी बाजार के कोड़ाकू पारा व डोमनहिल मुक्तिधाम में कोल माफिया अवैध तरीके से कोयले का उत्खनन कर रहे हैं। यहां कोल माफिया जेसीबी मशीन के माध्यम से कोयला निकाल रहे हैं व ईंट भट्टो व दूसरे राज्यो में यह कोयला बोरियों में पैक कर ट्रकों के माध्यम से भेज रहे हैं। कोल माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि दिन हो या रात कोल माफिया गुंडों और लठैतों के दम पर यहां अवैध उत्खनन कर कोयला निकाल रहे हैं।
तीन चरणों में होता है कोयले का काला खेल
कोयले का काला खेल तीन चरणों में होता है। पहले चरण में बंद पड़े खदान या चालू खनन क्षेत्रों से गिरोह के सदस्य कोयला को एक स्थान पर एकत्रित करते हैं। दूसरे गिरोह के सदस्य एक निश्चित स्थान पर एकत्रित कोयले को छोटे वाहनों में लोड कर गिरोह के संचालक के पास पहुंचते हैं, जहां से गिरोह का संचालक ट्रकों पर लोड कर इसे दूसरे राज्यो में भेजता है। राज्य के बाहर अवैध कोयला को वैद्य तरीके से भेजने के लिए फर्जी चालान भी तैयार किया जाता है या एक ही चालान के माध्यम से कई वाहन अवैध तरीके से बाहर भेजे जाते हैं।
अवैध कार्यों में लगी मशीनों को दोगुनी रकम
चिरमिरी में जारी अवैध कोयला उत्खनन में लगी मशीनों को प्रति घण्टे के हिसाब से दोगनी रकम से किराया दिया जाता है और मशीन पर कार्रवाई न होने का भरोसा दिलाया जाता है। क्षेत्र में जेसीबी मशीन का किराया प्रति घण्टा के हिसाब से 1 हजार या 12 सौ रूपए है, लेकिन अवैध कोयला उत्खनन में लगी जेसीबी को यहां कोल माफिया 2 से ढाई हजार रूपए प्रति घंटे दे रहे हैं। वहीं इन मशीनों के मालिकों को किसी प्रकार की कार्रवाई न होने का संरक्षण भी दिया जाता है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के जिला पदाधिकारी का जेसीबी वाहन भी इन अवैध कार्यों में संलिप्त है।