गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 1 फरवरी। समीपस्थ ग्राम परसदा में माता राजिम जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वजातीय बंधुओं द्वारा माता राजिम एवं माँ कर्मा के छाया चित्र पर दीप प्रज्जवलित व श्रीफल फोड़ कर किया गया। तत्पश्चात स्वजातीय माताओं, बहनों एवं युवतियों द्वारा सर में कलश धारण कर भव्य कलश यात्रा निकाली गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक धनेंद्र साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में साहू समाज की विशिष्ट पहचान है। हमें ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे जीवन में सुख, समृद्धि व खुशहाली का वातावरण निर्मित हो। आज पूरे देश में साहू समाज की जनसंख्या 11 प्रतिशत है। राजिम भक्तिन माता का संगठन सबसे पुराना संगठन है। हमें माता राजिम के बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए। अध्यक्षता कर रहे पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा कि राजिम माता हमारी पितृ संस्था है।
माता राजिम त्याग, तपस्या और ममता की प्रतिमूर्ति थी। उन्होंने आगे कहा कि समाज को प्रगति की दिशा में लाने के शिक्षा व संस्कार पर जोर देने की बात कही। तहसील साहू संघ संरक्षक रतिराम साहू ने कहा कि आज राजिम का नाम पूरे देश-विदेश में जाने जाते है। राजिम त्याग, तपस्या, साधना व आस्था का केन्द्र है। समाज को आगे लाने के लिए वैचारिक परिवर्तन व समाज मे चिंतन की जरूरत है। समाज के उच्च पद में बैठे हुए निचले स्तर के व्यक्ति के उत्थान के लिए उनको ऊपर उठाने का प्रयास करना चाहिए। तहसील साहू संघ के संरक्षक परदेशी राम साहू ने कहा कि एकता में बडी ताकत है। ऐसे मौके पर सामूहिक एकजुटता जरूरी है। सभी स्वजातीय बंधु अपने गाँव मे प्रतिमाह एक जगह एकत्रित होकर एकरूपता के साथ अपने इष्ट देव की पूजा अर्चना करना चाहिए। राजिम भक्तिन माता मंदिर समिति अध्यक्ष लाला राम साहू ने कहा कि भक्ति में बड़ी शक्ति है। माता राजिम साहू समाज की अधिष्ठात्री देवी है। वह भगवान विष्णु की अनन्य भक्त थी। जिला ग्रामीण साहू समाज अध्यक्ष देवनाथ साहू ने कहा कि हमे सकारात्मक सोंच रखते हुए कार्य करना चाहिए।
उन्होंने आगे मातृत्व शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि मातृत्व शक्ति के विचार से समाज अग्रसर होता है। कार्यक्रम को ब्रह्मानंद साहू, चंद्रहास साहू, प्रेमीन साहू, डॉ. मनीष साहू, मेहतरु लाल साहू, महेश्वरी साहू ने भी संबोधित किया। वहीं समाज के स्वजातीय बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को ग्रामीण साहू समाज द्वारा शाल, श्रीफल व माता राजिम की प्रतिमा भेंटकर सम्मान किया गया। रात्रि में देवरी भखारा वाले रामधुनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुखेन साहू शिक्षक व आभार व्यक्त नरेंद्र साहू सचिव ग्रामीण साहू समाज परसदा ने किया।
इस अवसर पर मेघनाथ साहू, रुखम साहू, लोकनाथ साहू रामकुमार साहू, राजेश साहू, द्वारिका साहू, तिलक राम साहू, हेमंत साहू, पूरन लाल साहू, तोषन साहू, वेदप्रकाश साहू, भुनेश्वर साहू, ललित साहू, जगदीश साहू, दुलार साहू, भारत साहू, टीका राम साहू, नेमीचंद सीताराम साहू सहित बड़ी संख्या में स्वजातीय बंधु व ग्रामवासी उपस्थित थे।