गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 6 मार्च। कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो अभियान पर तंज कसते हुए युवा भाजपा नेता किशोर देवांगन ने कहा कि दरअसल कांग्रेसियों के इस अभियान का नाम हाथ जोडक़र माफी मांगना होना चाहिए था, क्योंकि जनता के सामने 36 झूठे वादे कर सत्ता में आई भूपेश सरकार के वादे आज भी अधूरे हैं, और यह बात हम भाजपाई ही नहीं बल्कि खुद कांग्रेस के ही वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव खुद कह रहे हैं।
मंत्री सिंहदेव ने पिछले महीने कहा था कि घोषणा पत्र के वादे अधूरे हैं। इसी तरह मंत्री सिंहदेव ने पंचायत विभाग भी यह कहते हुए छोड़ा था कि छत्तीसगढ़ के लोगों को प्रधानमंत्री आवास नहीं मिल पा रहा है।
देवांगन ने कहा कि गंगाजल हाथ में लेकर कसम खाने वाले लोग आज लगभग साढ़े 4 साल बीत जाने के बाद भी शराबबंदी पर कोई फैसला नहीं कर पाए हैं और ना ही प्रदेश के बेरोजगार युवकों को 25 सौ रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दे पाए हैं । प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों से लेकर तमाम अधिकारी-कर्मचारी वर्ग भूपेश सरकार की वादाखिलाफी से आक्रोशित है और लगातार आंदोलन कर रहा है।
देवांगन ने कहा कि प्रदेश में नक्सली गतिविधियां एक बार फिर से तेज हो गई हैं, धर्मांतरण बढ़ गया है। छत्तीसगढ़ अपराधगढ़ बन गया है। एक तरफ छत्तीसगढ़ में लोगों को बमुश्किल दो वक्त की रोटी नसीब हो पा रही है, और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए 6000 किलो गुलाब की पंखुडिय़ों से अपनी नेता को खुश करने सडक़ बनवा रहे हैं, वह भी केवल कुछ पलों के लिए।
मुख्यमंत्री और उनकी सरकार केवल अपने भाषणों में ही छत्तीसगढ़ की आम जनता का का ख्याल रखने और छत्तीसगढिय़ा संस्कृति को बचाए रखने का ढोंग करते आए हैं। नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी की क्या स्थिति है, आज छत्तीसगढ़ के किसी भी गांव में जाकर देखी जा सकती है। मुख्यमंत्री के झूठ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है भाजपा सरकार के समय गला फाड़-फाडक़र अपने हाथों में झीरम घाटी कांड का सबूत होने की बात कहने वाले मुख्यमंत्री अपनी सरकार के साढ़े 4 साल बाद भी अपने ही दिवंगत नेताओं को न्याय नहीं दिला पाए हैं।
छत्तीसगढ़ के लोग भूपेश सरकार की असलियत से वाकिफ हो गए हैं और यही वजह है कि जनता इस बार के विधानसभा चुनाव में भूपेश सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने वाली है। इस सच्चाई को भूपेश सरकार भांप चुकी है और जनता के इसी आक्रोश से बचने से के लिए हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का ढोंग कर रही है।
देवांगन ने आगे कहा कि कुछ इसी तरह का ढोंग कांग्रेसियों के नेता राहुल गांधी 4 महीने तक भारत जोड़ो यात्रा के नाम पर कर चुके हैं। लेकिन हाल ही में आये पूर्वोत्तर राज्यों के चुनाव परिणाम ने दिखा दिया है कि राहुल गांधी का ढोंग देशवासी समझ चुके हैं। यही हश्र छत्तीसगढ़ में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का होगा।