गरियाबंद

कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद भृगनदन चौधरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 65वीं बटालियन ने शौर्य दिवस पर किया याद
09-Apr-2023 9:16 PM
कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद भृगनदन चौधरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की  65वीं बटालियन ने शौर्य दिवस पर किया याद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

मैनपुर, 9 अप्रैल। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 65 वीं बटालियन ने 58 वें शौर्य दिवस पर शहीदो को याद किया। इस मौके पर बटालियन के कमाडेंट विजय कुमार सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी प्रभाकर उपाध्याय, उप कमाडेंट डेनियल एल, श्री पी वैरवनाथन एवं अन्य अधिकारी गण तथा जवानों द्वारा शहीदो के सम्मान में शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित किया तत्पश्चात क्वार्टर गार्ड पर गार्ड के जवानों द्वारा सलामी देकर शहीदो को श्रद्धांजलि दी गई।

इस अवसर पर दरबार का आयोजन किया गया, तथा स्नह्रक्च हेतू जवानों को जारी किए गए प्रशंसा पत्रों का वितरण किया गया। कमाडेंट महोदय ने बताया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के इतिहास में 09 अप्रैल का दिन अदम्य साहस एवं शौर्य के लिए याद किया जाता है। यह दिन हम भारतीयों के लिए गर्व करने का दिन है। इसी दिन केरिपुबल की गुजरात के रण ऑफ कच्छ क्षेत्र में 02 वीं बटालियन केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 04 कम्पनियाँ च्च्सरदारज्ज् एवं च्च्टाकज्ज् पोस्ट पर तैनात थी, जोकि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पश्चिमी पाकिस्तान से लगती हैं। दिनाँक 09 अप्रैल 1965 को प्रात:काल 0330 बजे पाकिस्तानी सेना की इनफैन्ट्री ब्रिगेड ने भारतीय सीमा में घुसकर भारतीय सीमाओं पर कब्जा करने के लिये सरदारएवं टाक पोस्ट पर तैनात केरिपुबल की टुकड़ी पर हमला किया। पाकिस्तान द्वारा इस ऑपरेशन का नाम डेजर्टहॉक दिया गया। इस ऑपरेशन में केरिपुबल के जवानों ने वीरता एवं बहादुरी के साथ पाकिस्तानी सेना का डटकर मुकाबला किया तथा उनके हमले को विफल कर दिया। इस लड़ाई में पाकिस्तान के 34 जवान मारे गए एवं 04 जिन्दा पकड़े गये।

इस ऑपरेशन में केरिपुबल के 06 जवान भी शहीद हो गये थे जिनकी कुर्बानियों को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। 12 घंटे तक चली इस लड़ाई में केरिपुबल के जवानों की एक छोटी सी टुकड़ी ने पाकिस्तानी सेना की एक ब्रिगेड को पीछे भागने पर मजबूर कर दिया था तथा उनके सुनियोजित आक्रमण को विफल कर दिया गया था।

केरिपुबल की एक छोटी सी टुकड़ी ने अपने से कई गुना अधिक संख्या वाली हमलावर पाकिस्तानी फौज को हरा कर इतिहास रचा था।केरिपुबल के जवानों द्वारा किये गये वीरता पूर्ण कार्य को हमेशा स्मरणीय बनाये रखने के लिए प्रत्येक वर्ष 09 अप्रैल को केरिपुबल में च्च्शौर्य दिवसज्ज् के रूप में मनाते हैं और अपने बल के उन शहीद जवानों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते है,  वी के सिंह, कमाडेंट  के दिशा निर्देश पर  भूदेव धमानिया, सहायक कमाडेंट के नेतृत्व में एक टीम गरियाबंद जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर ग्राम सढ़ौली के शहीद जवान भृगुनंदन चौधरी के परिवार से मिलने एवं श्रद्धांजलि देने के लिए गयी जहाँ पर शहीद जवान की माता  को पुष्प गुच्छ, वस्त्र एवं फल देकर बल द्वारा हमेशा शहीद परिवार के सुख दुख में साथ देने का भरोसा दिलाया। 205 बटालियन कोबरा फोर्स के कांस्टेबल भृगु नंदन चौधरी को माओवादियों से लडऩे और मौत के सामने दृढ़संकल्प और असाधारण बहादुरी का प्रदर्शन करने के लिए मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। कांस्टेबल भृगुनंदन चौधरी कीर्ति-चक्र से नवाजे जाने वाले पहले सीआरपीएफ जवान हैं। यह पदक पाने वाले भृगुनंदन  चौधरी छत्तीसगढ़ के पहले और देश के दूसरे शहीद जवान हैं। पहले उनका नाम शौर्य-चक्र के लिए नामित किया गया गया था। पर इंडियन आर्मी ने उनके बलिदान को देखते हुए उन्हें उससे भी बड़े कीर्ति-चक्र से सम्मानित किया।

कीर्ति चक्र, महावीर चक्र के समकक्ष है। यह शांति-काल में दिया जाने वाला वीरता का दूसरा सर्वोच्च पदक है। उनकी माता श्रीमती सुशीला देवी ने 26 जनवरी, 2014 को उनकी तरफ से यह सम्मान ग्रहण किया। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल  ने शहीद भृगुनंदन चौधरी की वीरगाथा पर कॉमिक्स भी प्रकाशित की है।

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