कांकेर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर, 4 जून। जिले के भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के तहत हर्राठेमा गांव में ईसाई धर्मावलंबी मनाने वाले आदिवासी ग्रामीण के शव को ग्रामीणों द्वारा नहीं दफनाने का मामला प्रकाश में आया है। ग्रामीण धर्मपरिवर्तन कर ईसाई बन जाने से नाराज है। जिसके चलते गांव में अंतिम संस्कार करने से ग्रामीण मना किया।
मृतक मरहाराम कडिय़ां के पुत्र राजेंद्र कडिय़ाम ने बताया कि मेरे पिता की तबियत खराब रहने के कारण जिला अस्पताल कांकेर में भर्ती कराया गया था, उकी मृत्यु 2 जून को हो गई। जब मैं अपने गांव में अपनी जमीन में शव दफनाने लाया तो गांव वालों ने रोक दिया।
कोरर थाना में शिकायत दर्ज कराने पंहुचे परिजनों को कोरर पुलिस ने दूसरी जगह अंतिम संस्कार करने को कहा। विरोध के कारण भानुप्रतापपुर में शव का अंतिम संस्कार कराया गया।
पुलिस के अनुसार गांव मे विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी। किसी तरीके से आशान्ति न फैले उसे देखकर भानुप्रतापपुर में शव दफनाने का परिजनों को आग्रह किया था। परिजनों ने भानुप्रतापपुर में शव को दफना दिया है।