कांकेर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पंखाजूर, 22 नवंबर। विभिन्न प्रकार की रचनात्मक गतिविधियां कराए जाने से स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है तथा खेलकूद एवं शिक्षण गतिविधियों में बच्चे रुचि ले रहे हैं।
कबाड़ तथा आसपास के वातावरण में मिलने वाली वस्तुओं से बच्चों को उपयोगी वस्तुएं बनाए जाने का प्रशिक्षण शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला माटोली में प्रत्येक शनिवार को दिया जाता है। इसके तहत गुलदस्ता बनाना , बुक बाइंडिंग करना ,छीद से मौर बनाना,मिट्टी से खिलौने बनाना, बांस से टोकरी बनाना, तिनकों से झाडू बनाना, चटाई बनाना, ऊन से स्वेटर बनाना, मैट बनाना आदि बच्चों को सिखाए जाते हैं। बच्चे इसे बड़े ही रुचि से करते हैं।
विगत दिवस राष्ट्रीय आविष्कार अभियान कोयलीबेड़ा के पखांजूर स्थित खंड स्रोत समन्वयक कार्यालय के स्नेह हॉल में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी, क्विज प्रतियोगिता में कबाड़ से जुगाड़ थीम पर आधारित विज्ञान मॉडल निर्माण प्रतियोगिता में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला माटोली का छात्र ब्लॉक स्तर पर प्रथम स्थान पर आया था।
विदित हो कि शिक्षक होरीलाल साहू के प्रयासों से विभिन्न प्रकार की गतिविधियां कराए जाने से स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है तथा खेलकूद एवं शिक्षण गतिविधियों में बच्चे रुचि ले रहे हैं। शिक्षक द्वारा कोरोना काल के समय माटोली पंचायत के सरपंच चंद्रवीर मरई तथा पंचों एवं ग्राम प्रेसिडेंट की सहमति से पंचायत के तीनों गांवों में एक साथ सफल संचालन किया था, जो कि ब्लॉक का पहला सफल मोहल्ला क्लास था।
शिक्षक द्वारा किए गए सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक कार्यों को देखकर उन्हें मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण योजना के तहत वर्ष 2022 में ज्ञानदीप पुरस्कार से तथा सामाजिक क्षेत्र में किए गए योगदान के कारण उन्हें दलित साहित्य अकादमी द्वारा डॉ. भीमराव ऑबेडकर फेलोशिप अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। शिक्षक ने जनवरी सन 2020 में शून्य निवेश नवाचार के तहत नरहर देव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कांकेर में कबाड़ से जुगाड़ के तहत शैक्षणिक उपयोग की सामग्री बनाना सीखा था, जिसे उन्होंने स्कूल में लागू किया।
स्कूल के छात्रों का विज्ञान मॉडल का चयन 2015 में राज्य स्तर पर हुआ था, सन 2016 में इंस्पायर अवार्ड के लिए पांच बच्चों को 5-5 हजार की सहयोग राशि मिली थी। इसके अतिरिक्त जिला स्तर तथा ब्लॉक स्तर पर भी शिक्षक के मार्गदर्शन में बनाये गये मॉडलों का चयन हुआ था। विभिन्न संस्थाओं द्वारा शैक्षणिक क्षेत्र में किए गए शिक्षक के प्रयास हेतु विभिन्न प्रशस्ति पत्रों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।