बलौदा बाजार

चौक-चौराहों में बन रही सरकार, जीत-हार के दांव-पेंच
23-Nov-2023 2:24 PM
चौक-चौराहों में बन रही सरकार, जीत-हार के दांव-पेंच

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 

बलौदाबाजार, 23 नवंबर। विधानसभा निर्वाचन 2023 के द्वितीय चरण समाप्त हो गया है। इसमें बलौदाबाजार जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र में 17 नवंबर को चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। जिसमें हाई प्रोफाइल सीट कसडोल विधानसभा भी शामिल हैं।

विधानसभा चुनाव की समाप्ति के बाद उम्मीदों के बाजार में चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोग आंकड़ों के आधार पर सच मानकर गदगद नजर आ रहे हैं। किसी को वास्तविक स्थिति के लिए मतगणना का इंतजार है। बहरहाल सबकी नजरें 3 दिसम्बर के परिणाम पर टिकी हुई है, लेकिन तब तक कयासों व उम्मीदों का दौर जारी रहेगा। कसडोल विस में किस विधायक के सर पर ताज सजेगा, इसके लिए गांव-गांव में अब चौक चौराहों से लेकर पान दुकान तक लोगों का गणित लगने लगा है, लोग अपने-अपने समर्थक को विजयी बनाने का दावा कर रहे हैं। कोई कह रहा है 20 हजार की लीड से जीतेगा तो कोई 15 हजार से जीतने का दावा कर रहा है। दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस की कार्यकर्ता पोलिंग के हिसाब से मतदान की समीक्षा में लगे हैं, कि किस पोलिंग से किसको फायदा या नुकसान होने वाला है। गांव की चौपालों, नगर की चौक-चौराहों पर बैठे लोग बंपर वोट से जीतने का दावा कर रहे हैं।

मतगणना के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा, कौन से दल जीत रहे है। लेकिन दोनों ही दलों के लोग अपने-अपने प्रत्याशी की जीत को लगभग सुनिश्चित मानकर चल रहे हैं, कोई भी अपना हार मानने को तैयार नहीं है। हालांकि कसडोल विस में पिछली बार की तरह कांग्रेस और भाजपा में ही मुख्य मुकाबला देखने को मिल रहा है, लेकिन इस बार दोनों के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों बागियों ने परिणामों को प्रभावित करने की कोशिश की है। जिससे आंकलन लगाया जा सकता है कि इस बार कौन से पार्टी को सबसे अधिक वोट परसेंट मिला होगा। 

कांग्रेस समर्थकों का मानना है कि इस बार भी कांग्रेस जीतेगी। क्योंकि कांग्रेस ने अपने पिछली पंचवर्षीय में अच्छा काम करके बताया है। इस वजह से कांग्रेसी प्रचंड बहुमत से जीतने का दावा कर रही है। इस बार निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनावी गणित बिगाडक़र रख दिया है, किसी को भी समझ नहीं आ रहा है कि स्पष्ट से रूप से कौन से पार्टी जीतेगी। इस बार बीजेपी व कांग्रेस के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों का भी दबदबा रहा है। 

वहीं, इस बार भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टियों ने काफी कुछ घोषणा की है। दोनों ही पार्टियों ने महिला मतदाताओं रिझाने का काम किया है। वहीं आम जनमानस का कहना है कि इस बार कोई भी पार्टी जीते, सीधे जनता व किसानों को ही फायदा मिलेगा। क्योंकि दोनों ही पार्टियों के द्वारा काफी कुछ घोषणाएं भी की गई है। बहरहाल सबकी नजरें 3 दिसम्बर के परिणाम पर टिकी हुई है।

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