नारायणपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 22 जनवरी। वन मंत्री केदार कश्यप सोमवार सुबह जगदलपुर में संकीर्तन कार्यक्रम में शामिल हुए। श्री रामलला प्राण-प्रतिष्ठा पर यह कार्यक्रम किया गया।
इस मौके पर मंत्री कश्यप ने कहा कि बस्तर में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर खुशी का माहौल है। ये हम सबके लिए सौभाग्य का क्षण है। हम ऐसे समय के साक्षी बन रहे हैं, जब रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो रही है। इसके लिए हमारे पूर्वजों ने लंबे समय तक संघर्ष किया। गोलियां चली, लाठियां खाईं, शहादत दी और उसके बाद आज भगवान राम का मंदिर बन गया है। ये समय हर्ष का विषय है। भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में भी हर्षोल्लास है।
पूरे बस्तर को दंडकारण्य भूमि के रूप में मानते हैं। यहां पर भगवान राम के पदचरण पड़े थे। इस कारण से बस्तर के पूरे जंगल में कांटा नहीं मिलता, क्योंकि भगवान राम के पद चरण पड़े थे। हम ये भी मानते हैं कि प्रभु राम की कल्पना में जो चित्र सामने आता है, वो राजा के रूप में नहीं, वनवासी की वेशभूषा में दिखाई देते हैं।
श्री राम जब अयोध्या में थे, तब राजा राम के रूप में जाना जाता था, जब प्रभु ने दंडकारण्य की पावन भूमि पर कदम रखा तो उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम के रूप में पहचान मिली। आज राम मंदिर निर्माण की खुशी में बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ के लोग शामिल हो रहे हैं, ये बहुत हर्ष का विषय है।
कई मंदिरों में पूजा-अर्चना
श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर बस्तर,कोंडागांव,नारायणपुर क्षेत्र के कई मंदिरों में केदार कश्यप पहुँचे। जगदलपुर सिरहसार के पास स्थिग जगन्नाथ मंदिर में भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात भंगाराम चौक में भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। चपका शिव मंदिर, सोनारपाल हनुमान मंदिर में पूजा पाठ किये। इसके बाद भानपुरी में श्रीराम के मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखे, वहीं फरसगुड़ा में बहुरिया माता मंदिर, बनियागांव राम मंदिर,छेरीबेड़ा राम मंदिर,नारायणपुर राम मंदिर पहुँच कर श्री प्रभु के चरणों में नतमस्तक हुए और प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की।