गरियाबंद

गोदाम निर्माण चहेते ठेकेदार को देने की गुपचुप तैयारी, अंतिम तिथि को निविदा का प्रकाशन
15-Mar-2024 3:58 PM
गोदाम निर्माण चहेते ठेकेदार को देने की गुपचुप तैयारी,  अंतिम तिथि को निविदा का प्रकाशन

पोल खुली तो कहा-निरस्त कर दोबारा जारी करेंगे टेंडर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 15 मार्च।  साढ़े 16 लाख रुपये के गोदाम निर्माण चहेते ठेकेदार को देने की गुपचुप तैयारी सहकारी समिति कर रही थी। निविदा में दस्तावेज जमा करने की अंतिम तिथि को निविदा का प्रकाशन कराया। पोल खुली तो अफसर फाइल समेटने लगे। अब कह रहे इसे निरस्त कर दोबारा टेंडर जारी करेंगे।

मामले की जानकारी गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल को फोन के माध्यम से दी गई तो उन्होंने जाँच कर कार्रवाई की बात कही। वहीं अमृत साहू प्रभारी प्रबंधक का कहना है कि टेंडर कैंसिल कर रहे हैं, रिस्क लेकर हम लोग टेंडर करने वाले थे, पर अब लफड़े में क्यों पड़े, ऐसा सोच रहे है और अब अध्यक्ष टेंडर निरस्त करने के लिए कह रहे हैं।

यह सारा खेल राजिम के कृषक साख सहकारी समिति में चल रहा था। समिति अपने मद में मौजूद राशि से 200 मैट्रिक टन क्षमता वाली गोदाम निर्माण कराने की विभागीय मंजूरी ली थी। अब इसके निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित किए जाने का प्रावधान था।

भवन निर्माण के पीछे समिति के जिम्मेदारों के मन में खोट था, इसलिए 13 मार्च को क्षेत्र में कम बांटे जाने वाले एक अखबार में निविदा का प्रकाशन कराया। निविदा भरने की अंतिम तारीख 13 मार्च को थी, 14 मार्च को टेंडर खोलने की तारीख निर्धारित किया गया था। टेंडर जारी होता, उससे पहले ही मीडिया के दखल के बाद अब जिम्मेदार नए सिरे से निविदा प्रक्रिया आरंभ करने की बात कह रहे हैं।

सुनियोजित थी प्रकिया, इसलिए केवल तीन ने भरा टेंडर

निविदा भरे जाने की अंतिम तारीख के सप्ताह भर पहले तक निविदा प्रकाशन का नियम है, निविदा ज्ञापन का प्रचार प्रसार किए जाने हेतु क्षेत्र में प्रचलित अखबार का होना भी जरूरी है लेकिन समिति ने इन दोनों बातों का पालन नहीं किया। सीमित दायरे में वितरित होने वाले अखबार में निविदा 13 मार्च को प्रकाशित कराया। इसी 13 को ही निविदा भरे जाने की अंतिम तिथि थी। लिहाजा सुनियोजित इस कार्यक्रम में केवल तीन ठेकेदार शामिल हुए। निविदा पास होने के लिए तीन की कोरम पूर्ति जरूरी माना गया है। बताया जा रहा जिस ठेकेदार को टेंडर दिया जाना तय था, उसी से संबंधित अन्य दो ठेका कम्पनी का निविदा सपोर्ट में भरा गया था। सभी टेंडर में दर पहले से तय कर लिए गए थे।

मीडिया को देखते ही कर दिया फाइल क्लोज, जिम्मेदार बोले निरस्त कर रहे

    समिति कार्यालय में सब जिम्मेदार बैठ कर निविदा खोले जाने की औपचारिकता पूरी कर रहे थे। तभी प्रकाशित ज्ञापन को लेकर मीडिया कर्मियों ने सवाल किया।मिडिया की उपस्थिति देख प्रभारी प्रबंधक अमृत साहू प्रक्रिया की फाइले समेटने लगे। तो मौजूद प्राधिकृत अधिकारी शिव नारायन तिवारी दफ्तर के दरवाजे से निकलने लगे। दफ्तर में मौजूद में कुछ ने कैमरे चलता देख मुंह छिपाने की कोशिश भी की। मामले में जब नियम को लेकर बात की गई तो प्राधिकृति अधिकारी शिव नारायण तिवारी ने कहा की प्रक्रिया गलत है तो निरस्त कर दोबारा टेंडर आमंत्रित किया जाएगा।

मुनाफे का खेल इसलिए ऐसा किया गया

 सरकार द्वारा तय निर्माण एजेंसी में निर्माण से लेकर तय ड्राइंग डिजाइन व मटेरियल का पैमाना तय रहता है। काम का मूल्यांकन से लेकर सत्यापन प्रकिया का भी पालन कड़ाई से होता है।लेकिन समती ने इस कार्य हेतु लोकनिर्माण विभाग के तय एसओआर के हवाले बिल्डिग में खर्च होने वाले रूपए का लागत तो तय कर लेती है ,पर काम कराने से लेकर निर्माण के लिए तय सारे मापदंड की निगरानी अपने पास रखती है।

जानकार कहते हंै कि 200 टन क्षमता वाले भवन निर्माण में स्टेंडर्ड पैमाना का पालन होता भी तो यह 10 लाख के भीतर बन कर तैयार हो जाता। 

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