दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 24 मार्च। भारत त्यौहारों का देश है। त्यौहार के दौरान समाज में समरसता की भावना कायम होती है। दंतेवाड़ा जिला अंतर्गत हुआ गोंडा विकासखंड के नकुल न गांव की होली अनोखी है, यहां होली के दौरान धनवान - निर्धन का भेदभाव समाप्त हो जाता है।
एक सप्ताह पूर्व होती है तैयारी
इस गांव की होली की तैयारी एक सप्ताह पूर्व आरंभ होती है गांव की आस्था केंद्र शिव मंदिर में परंपरागत फाग गायन का अभ्यास किया जाता है जिसमें रामायण और महाभारत कालीन गीतों का सुंदर समावेश होता है ढोल और मंजीरे की धुन पर मधुर फाग का किया जाता है।
शुभ मुहूर्त में होलिका दहन
शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को होलिका दहन की रस्म संपन्न होती है इस दौरान ग्राम पुरोहित द्वारा वैदिक मंत्र उच्चारण के मध्य होलिका दहन किया जाता है। जिसमें प्रत्येक नागरिक शामिल होता है। होलिका दहन के उपरांत रंग और गुलाल का रंगीला दौर शुरू होता है।
होलिका दहन के दूसरे दिन फाग मंडली प्रत्येक घर में जाती है। जहां मधुर स्वर मे फाग गायन किया जाता है। देर शाम तक यह सिलसिला जारी रहता है।