दुर्ग

डॉ. अंबेडकर की जयंती पर निकली शोभायात्रा
15-Apr-2024 3:17 PM
डॉ. अंबेडकर की जयंती पर निकली शोभायात्रा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 अप्रैल।
बुद्ध विहार समिति शंकर नगर द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती समारोह के अवसर पर बुद्ध विहार शंकर नगर में 5 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

अंतिम दिन 14 अप्रैल को बुद्ध विहार समिति शंकर नगर द्वारा जयंती समारोह के अवसर पर विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया, जिसमें राजेंद्र साहू ने नीली झंडी दिखाकर प्रारंभ किया। दुर्ग शहर के सभी अम्बेडकर अनुयाई ने बढ़-चढ़ कर विशाल रैली में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया। इसके पहले 10 अप्रैल को बौद्ध उपासक उपासिकाओं द्वारा भिक्षु संघ को संघ दान किया गया। 11 अप्रैल को महिलाओं और बच्चों द्वारा विभिन्न प्रतियोगिता आयोजित की गई। 

12 अप्रैल को सांस्कृतिक कार्यक्रम के पश्चात शाम 7 बजे से नारी शक्ति, नारी शिक्षा की जनक माता सावित्री बाई फुले के भारत में नारियों को शिक्षा देने के लिए कठिन परिश्रम को नाटिका एवंं बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की धर्मपत्नी माता रमाई का त्याग, तपस्या एवं बलिदान को नागपुर से आमंत्रित उषा ताई बौद्ध द्वारा नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। लोगों ने दोनों महान नेत्रियों के बलिदान को देखकर भावुक हो गए।

13 अप्रैल को महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम पश्चात गोंदिया से आमंत्रित मुख्य अतिथि सविता बेदलकर (समाज सेविका) द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के राष्ट्र निर्माण एवं संविधान निर्माता के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि बाबा साहब संविधान बनाते वक्त सभी के अधिकारों को समान नजरिया रखते हुए सभी को बराबर का हक दिया। भारत को गणराज्य बनाया बुद्ध के विचारों को समाविष्ट किया। हिंदू कोड बिल के माध्यम से सभी महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबर का अधिकार दिया। कार्यक्रम के अध्यक्ष रामजी रंगारी ने कहा कि डॉ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को भारत के लोग कभी भुला नहीं सकते हैं। पूरा विश्व उनके बनाए संविधान को सर्वश्रेष्ठ मानता है एवं उनकी लिखी गई किताब को अपने यूनिवर्सिटी में पढ़ाया जाता है। संविधान में पंचशील को समाविष्ट कर कानून बनाया।

संगठन सचिव प्रकाश बसोड़ ने भी अपने विचार रखे। महिला मंडल के पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए बुद्ध विहार समिति के सचिव ज्ञानेश्वर (ज्ञानू) बागड़े ने कहा कि संविधान है तो सभी के अधिकार सुरक्षित हैं समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय हैं। सहसचिव अशोक मडामे ने आभार व्यक्त किया। 

इस अवसर पर बुद्ध विहार समिति के सभी पदाधिकारी नारद गोंडाने, संजय मेश्राम, दिलीप सुखदेवे, किशोर चौरे, अतुल सूर्यवंशी, डीके माने, अशोक मेश्राम पूर्व सचिव बुद्ध विहार समिति दुर्ग, विजय मेश्राम, सप्रेम चौरे, किशोर गोस्वामी, केएन वासनिक, सीएच ढोक, राजकुमार फुले, राहुल गोवर्धन, हितेंद्र चौहान, अरुण गड़पायले, बौद्ध महिला मंडल के सभी पदाधिकारी, बौद्ध युवा मंच के सभी साथीगण एवं सभी आम्बेडकर अनुयाईगणों की उपस्थिति रही। जयंती समारोह के पूर्व संध्या पर राजेंद्र साहू कार्यक्रम में उपस्थित होकर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को नमन किया। 11 से 13 अप्रैल तक रतनलाल रामटेके, काशीनाथ सुखदेवे, सीएल महेश्वरी, थानेश्वर मेश्राम द्वारा भोजन दान की व्यवस्था की गई।
 

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