दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 अप्रैल। थनौद में अधिकारियों के दल ने शनिवार को स्थल निरीक्षण कर समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। भारतमाता सडक़ निर्माण में ब्रिज नहीं बनाने पर बाढ़ को लेकर थनौद, बिरेझर व चंगोरी के किसान चिंतित है। इन किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बाढ़ से बचाव की उपाय नहीं करने पर आंदोलन करने की चेतावनी थी।
इसके प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले में तत्काल संज्ञान लिया। जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन एवं नेशनल हाइवे के अधिकारी तथा ठेकेदार ने ग्रामीणों की मौजूदगी निर्माणाधीन अंडरब्रिज का निरीक्षण किया मौके पर 4 मीटर ऊंचा ब्रिज बनाया जा रहा है, जिसे लेकर ग्रामीणों ने आपत्ति की। साथ ही बाढ़ की समस्या वाले स्थल का भी निरीक्षण किया। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझइश दी तथा समस्या का रास्ता निकालने सबके मध्य सहमति बनी।
भारतमाला सडक़ के लिए शिवनाथ नदी पर ग्राम थनौद एवं कोलिहापुरी के बीच बनाए जा रहे पुल की लंबाई नहीं बढ़ाने से ग्राम थनौद, बिरेझर व चंगोरी बाढ़ की जद में आ सकते हैं। पूर्व में बाढ़ का पानी नदी के आजू-बाजू जिन खुली जगहों से निकल जाता था वहां भारतमाला सडक़ बनाने मिट्टी डाली जा रही है। ऐसी स्थिति में बाढ़ का पानी निकलने रास्ता नहीं होने पर इन गांवों फसल को नुकसान पहुंच सकता है, जिसे लेकर चिंतित तीनों ग्रामों के किसानों ने ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बाढ़ की पानी से बचाने ग्राम थनौद की ओर नाला के 500 मीटर पहले से लेकर शिवनाथ नदी तक कालम खड़ी कर ब्रिज निर्माण करने मांग की है।
किसानों के अनुसार भारत माला परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्य के तहत वर्तमान में जहां से बाढ़ का पानी गुजरता है वहां पर ब्रिज निर्माण की बजाय सडक़ निर्माण के लिए मिट्टी डाली जा रही है। ऐसे में बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर सडक़ की वजह से पानी का बहाव प्रभावित होने से ग्राम थनौद, बिरेझर व चंगोरी के किसानों के 2500 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल को नुकसान की संभावना है। शिवनाथ नदी से नाला तक ब्रिज निर्माण कर सडक़ बनाने से बाढ़ की संभावना को कम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि ग्राम थनौद, बिरेझर व चंगोरी शिवनाथ नदी के तट पर बसा हुआ है जिसके कारण प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। ब्रिज बनाकर सडक़ निर्माण नहीं करने पर यह नुकसान और बढ़ सकता है।
इसी प्रकार वर्तमान में भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत थनौद बाईपास मार्ग विपशयना साधना केन्द्र के पास जो अंडरग्राउण्ड ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी ऊंचाई 4 मीटर है चूंकि यह मार्ग गांव की कृषि एवं धान परिवहन का मुख्य मार्ग है ऊंचाई 4 मीटर होने की वजह से कृषि उपकरण, हार्वेस्टर व सेवा सहकारी समिति धान खरीदी केन्द्र से आवागमन अवरूद्ध हो रहा है। किसानों ने उक्त ब्रिज की ऊंचाई 6 मीटर किए जाने की मांग की है।