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![कुलपति को शीघ्र हटाएं- राजकुमारी उषा कुलपति को शीघ्र हटाएं- राजकुमारी उषा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1718369464001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 14 जून। विश्वविद्यालय संस्थापक परिवार की वरिष्ठ सदस्य 88 वर्षीय राजकुमारी उषा देवी सिंह ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कुलपति को हटाने की मांग की है।
राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में उषा देवी सिंह ने कहा की संगीत एवं कला के संरक्षण एवं संपोषण हेतु 14 अक्टूबर 1956 को विश्वविद्यालय की स्थापना राजकुमारी इंदिरा की स्मृति में की गई थी तब से लेकर 2020 तक यह विश्वविद्यालय प्रगति के अनेक सोपान तय किए हैं, किंतु वर्तमान कुलपति मोक्षदा चंद्राकर कि गलत नीतियों एवं अपने कुछ चुनिंदा लोगों को विशेष महत्व देने तथा वरिष्ठ व अनुभवी लोगों को दरकिनार करने के कारण विश्वविद्यालय का शाख दिन-ब- दिन गिरते जा रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा विश्वविद्यालय को सी ग्रेड प्रदान किया जाना है, वहीं इसके पूर्व प्रोफेसर मांडवी सिंह के कार्यकाल में विश्वविद्यालय को अपने पहले ही प्रयास में उच्चतम अंक के साथ ए ग्रेड मिला था।
श्रीमती सिंह ने आगे कहा कि देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास एवं बेहतर विकल्प, शिक्षा में गुणवत्ता के उद्देश्य से देश भर में नई शिक्षा नीति लागू की गई है, लेकिन इस विश्वविद्यालय में इस और अभी तक कोई सार्थक पहल नहीं हुआ है। दूसरी तरफ यहां पर सेमेस्टर सिस्टम को समाप्त कर वार्षिक पद्धति लागू किया गया है, जबकि देश के सारे विश्वविद्यालय सेमेस्टर सिस्टम लागू कर विद्यार्थियों को लाभ दे रहे हैं।
वर्तमान कुलपति का कार्यकाल विकास के लिए काम विवादों के लिए ज्यादा जाना जाता है चाहे वह खैरागढ़ महोत्सव में राजा- रानी व राजकुमारी इंदिरा, राज परिवार की उपेक्षा करना, विश्वविद्यालय विद्यार्थियों का कर्नाटक बस दुर्घटना, रायपुर में ऑफ सेंटर खोलने का मामला हो या खैरागढ़ महोत्सव के खर्च की आर्थिक विषमता सुर्खियों में रहा है।
अपने पत्र में यह भी कहा है कि कुलपति मोक्षदा चंद्राकर की नियुक्ति 2 जुलाई 2020 को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय अधिनियम 1956 छत्तीसगढ़ संशोधित अधिनियम 2019 की धारा 12 की उप धारा 7 के अनुसार 5 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने अथवा 65 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक के लिए की गई है इस नियम के तहत 65 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेने के कारण कुलपति का कार्यकाल 2 दिसंबर 2023 को समाप्त हो गया है।
70 वर्ष की आयु का प्रावधान छत्तीसगढ़ राजपत्र द्वारा 15 दिसंबर 2021 से किया गया है। इस नियम में 2021 से पूर्व नियुक्त कुलपति को 70 वर्ष की आयु का लाभ मिलने के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है अत: वर्तमान कुलपति की सेवा समाप्त कर नई कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया की दिशा में पहल करने का अनुरोध किया है, साथ ही कुलपति मोक्षदा चंद्राकर को हटाने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत शिक्षक बीआर यादव के अनशन को अपना नैतिक समर्थन प्रदान किया है। पूरे मामले को लेकर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।