खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
![गैर शिक्षक कर्मचारी संघ ने अध्यक्ष के बयान का किया खंडन गैर शिक्षक कर्मचारी संघ ने अध्यक्ष के बयान का किया खंडन](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719225172008.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 24 जून। कला और ललित कला को समर्पित एशिया प्रसिद्ध इंदिरा कला संगीत विवि का पूरा परिसर 2020 से पद्मश्री ममता चंद्राकर की कुलपति पद पर नियुक्ति के साथ ही आपसी कलह मे उलझ गया था।
एक मामला प्रकाश में आया है जिसमें विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, अधिकारी के निलंबन को कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रखर शरण सिंह ने सही बताते हुए राज्यपाल को निलंबित कर्मियों के नियुक्ति को निरस्त करने हेतु पत्र लिखा था, जिसके बाद से कर्मचारियों में काफी नाराजगी देखी गई। राजभवन के विपरीत जाकर जो मीडिया में प्रचारित किया वह अनैतिक कार्य था, जिसको लेकर गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के सदस्यों ने अपना विरोध प्रकट करते हुए इसे उनका अपना व्यक्तिगत निर्णय बताया है।
दर असल 16 जून को एक समाचार पत्र में गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रखर शरण सिंह ने नियुक्ति में अनियमितता को लेकर चार कर्मियों के सस्पेंशन को वाजिब बताते हुए महामहिम को पत्र प्रेषित कर चारो कर्मचारियों के निलंबन को सही कारवाई बताते हुए उनकी नियुक्ति निरस्त करने की मांग की थी, लेकिन गैर शिक्षक संघ उपाध्यक्ष ओमशंकर हिरवानी, सीआर कुंजाम, मनीष कुलकर्णी, संतोष श्रीवास, दीपक जतेरे, ममता शोरी, कौशल जैन, दाऊलाल चंद्रवंशी, राजू सिंह कश्यप, भुनेश्वर गेंड्रे, विभाष मालवीय, महेंद्र ठाकुर, कन्हैया यादव, आलोक सिंह, अमित सिंह, बीरबल कोर्राम, नरेश मेश्राम, हीरासिंह रावटे, शलभ मिश्रा, रिचा तिवारी सहित अन्य ने पत्र जारी कर अध्यक्ष प्रखर शरण सिंह की उक्त मांग को व्यक्तिगत बताते हुए कहा कि संघ किसी भी कर्मचारी के निलंबन को वाजिब नही ठहरा रहा।
संघ अध्यक्ष के रूप में प्रखर शरण सिंह का महामहिम को प्रेषित पत्र व्यक्तिगत है संघ का इससे कही कोई लेना देना नहीं है। इस संबंध में कोई बैठक भी आयोजित नहीं की गई थी अत: या पूर्ण रूप से उनका व्यक्तिगत बयान था।