दन्तेवाड़ा

गिरता भूजल स्तर, प्रशासन करेगा जल संवर्धन के उपाय
03-Jul-2024 2:55 PM
गिरता भूजल स्तर, प्रशासन करेगा जल संवर्धन के उपाय

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 3 जुलाई।
जिला प्रशासन की समय सीमा की बैठक मंगलवार को आयोजित की गई। इस दौरान ज्वलंत समस्या घटते भूमिगत जलस्तर पर गहन मंथन किया गया। वहीं कलेक्टर द्वारा भूमिगत जल स्तर के संवर्धन हेतु किए जाने वालेे उपायों की जानकारी दी गई।

विधायक चैतराम अटामी ने भी जिला में घटते भू-जल स्तर तथा जल संरक्षण के उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन की जानकारी ली। इस मौके पर श्री अटामी ने अपने हालिया केरल प्रवास के दौरान विभिन्न स्थानों जैसे  ‘ ‘सेंट जेवियर्स स्कूल पेयाड’’  ‘ ‘कल्लिकाविलामाम’’,  ‘ ‘अम्बालाथिनकला’’,  ‘ ‘कुलथुम्मेल हाई स्कूल’’ (वैल रिचार्जिंग)  ‘ ‘मायलाडी तालाब’’ में वहां के स्थानीय समुदाय द्वारा जल संरक्षण हेतु किये गये कार्यों और इस कार्य में समाज के सभी वर्गों की सहभागिता से जल बचाने और इन प्रयासों से भूमिगत जल स्तर  के मुहिम को अधिकारियों संग साझा किया और बताया कि वहां के शालेय संस्था सौर ऊर्जा से संचालित है। और ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों में मत्स्य पालन को अधिक से अधिक किया जाता है। 

उन्होंने कहा कि क्षेत्र के गांव एवं वनांचलों में अब भू जल स्तर तेजी से गिर रहा है। कुछ वर्षों पूर्व तक जहां 300 फीट तक भी जल उपलब्ध हो जाया करता था, परंतु अब 500 में जल उपलब्ध हो रहा है। इसका अर्थ है कि हमें अब भूमिगत जल स्तर बढ़ाने के लिए सामुदायिक स्तर पर प्रयास करना होगा अब इसमें सभी विभाग अपना दायित्व सुनिश्चित करेगें। शुरुआती तौर पर ग्रामों का कलस्टर बना कर भूमिगत जल वृद्धि की कार्ययोजना बनाया जाए इसके लिए वर्षा ऋतु के जल का संचयन कर उसे अनावश्यक बहने से रोकना होगा। साथ ही बारिश के पानी को रोकने के लिए छोटे-छोटे स्टाप डैम एवं चेक डैम बनाया जाए। इसके अलावा पुराने तालाबो के सरंक्षण, नये तालाबो के निर्माण और जल ग्रहण विकास के कार्य, वाटरशेड प्रमुख है।

कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने इस दौरान कहा कि जिले के सभी शासकीय भवनों में ’’रेन वाटर हार्वेस्टिग’’ के निर्देश भी दिये गये है। साथ ही नये कुंओं के संरक्षण एवं पुराने कुंओं को पुनर्जीवित किया जाएगा। 

जिससे वर्षा जल का संरक्षण किया जा सके। साथ ही नगरीय निकाय क्षेत्र में जलाशय और तालाबों की साफ-सफाई, सॉकपिटों का निर्माण, अन्य जल स्रोतों के रखरखाव, बिगड़े हुए बोरवेल्स को रिचार्ज करने जैसे कार्यो को प्रमुखता दिया जायेगा। इस जल संरक्षण के महाअभियान मे सभी विभागों का समावेशी योगदान रहेगा। इसके अलावा जल संरक्षण की जागरूकता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए स्व सहायता समूह, स्वच्छता दीदियों का सहयोग रहेगा। इसके अलावा हाट बाजारों में नुक्कड़ नाटकों के आयोजन, शालाओं में छात्रों द्वारा जलदूत की भूमिका, ग्राम सभाओं में जल प्रबंधन चर्चा  जैसे छोटे-छोटे आयोजन कर लोगों को जल संरक्षण का महत्व बताया जायेगा।

इसके पूर्व कलेक्टर द्वारा समय सीमा बैठक में जन चौपाल, जन शिकायत, पीजी पोर्टल और जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। इस अवसर पर सीईओ, कुमार बिश्वरंजन और अपर कलेक्टर राजेश पात्रे प्रमुख रूप से मौजूद थे।

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