राजनांदगांव

केसीजी जिले में मनाया कानून उत्सव दिवस
03-Jul-2024 3:45 PM
केसीजी जिले में मनाया कानून उत्सव दिवस

 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 3 जुलाई। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संबंध में जिला पुलिस बल के सभी विवेचकों एवं जिला अभियोजन अधिकारियों का संयुक्त रूप से एक दिवसीय कार्यशाला व कानून उत्सव दिवस का आयोजन जिलेभर में मनाया जा रहा है। प्रत्येक थानों में कार्यशाला का आयोजन हुआ। साथ ही नियम प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी गई। इसके अलावा महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के संबंध में कड़े प्रावधानों को लेकर जानकारी दी जा रही है।

मिली जानकारी के अनुससार एक जुलाई को पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज राजनांदगांव दीपक झा,  केसीजी एसपी त्रिलोक बंसल के मार्गदर्शन में एएसपी नेहा पांडेय, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी  खैरागढ़, गंडई लालचंद मोहले व केसीजी रक्षित निरीक्षक के. देव राजू की उपस्थिति में  केसीजी जिला के समस्त थाना के सभागार में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संबंध में जिला पुलिस बल के सभी विवेचकों एवं जिला अभियोजन अधिकारियों का संयुक्त रूप से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में छुईखदान तहसीलदार मोकक्षदा देवांगन एवं अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष  गज्जू महोबिया द्वारा नवीन कानून के संबंध में वक्तव्य दिया गया।

पुलिस महानिरीक्षक ने सेमीनार के दौरान नवीन कानूनों के बारीकियों  के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी देते बताया कि वर्तमान के नवीन कानून में महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा को विशेष महत्व की श्रेणी में मानते इसके लिए पृथक से अध्याय रखा गया है। पूर्व के कानून में अपराधियों की जेल जाने का प्रावधान था, किन्तु वर्तमान के नवीन न्याय संहिता में अपराधियों से सामुदायिक सेवा कराए जाने के संबंध में नवीन प्रावधान जोड़ा गया  एवं लोगों के वाणी के स्वतंत्रता के अधिकार में वृद्धि की गई है। वर्तमान में अपराध पंजीबद्ध होने पर पुलिस विवेचना के दौरान अब अनिवार्य रूप से घटना स्थल, गवाही का कथन, का वीडियोग्राफी एवं एफएसएल  निरीक्षण एवं रिपोर्ट प्राप्त किया जाकर प्रकरण में संलग्न किया जाना अनिवार्य किया गया है। जिससे अपराध  विवेचना पूरी तरह डिजिटलाइजेशन से हो जाएगी।  वैवाहिक जीवन  पश्चात् पत्नी द्वारा पति के विरुद्ध रेप का अपराध अब पत्नी के नाबालिग 18 वर्ष से कम होने के स्थिति में ही माना जाएगा।  उपरोक्त नवीन कानूनों में न केवल पुलिस बल्कि न्यायालय कार्य के समय सीमा निर्धारित की गई है। जिससे पूर्व में न्यायालयों के निराकरण में होने वाले अत्यधिक विलंब समाप्त हो सकेगी।

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