गरियाबंद
![त्रिवेणी संगम साहित्य समिति ने मनाया गुरु पूर्णिमा उत्सव त्रिवेणी संगम साहित्य समिति ने मनाया गुरु पूर्णिमा उत्सव](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17216383765.jpg)
जड़ और चेतन सभी गुरु का ही स्वरूप-मोहन लाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 22 जुलाई। त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम नवापारा द्वारा गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े ही गरिमामय ढंग से मनाया गया। नगर के माँ गायत्री मंदिर के सभागार में आयोजित विचार संगोष्ठी का शुभारंभ युग ऋषि गुरुदेव आचार्य राम शर्मा जी एवं पुजनिया माता भुनेश्वरी देवी जी के तैलचित्र पर पूजा अर्चना व गुरु वंदना के साथ किया गया।
कार्यक्रम में रोहित साहू माधुर्य ने गुरु वंदना प्रस्तुति देकर गुरुओं को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। कवि भारत लाल साहू प्रभु ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित मोहन लाल भावुक ने कहा कि हमारा संपूर्ण जीवन गुरुदेव का सदैव ऋणी रहेगा। गुरु ही ब्रम्ह का रूप है। उनके प्रति श्रद्धा रख कर हम ईश्वर का साक्षात्कार कर सकते हैं।
गोष्ठी में चर्चा करते हुए शिक्षक एवं साहित्यकार श्रवण कुमार साहू प्रखर ने कहा कि युग ऋषि महर्षि वेद व्यास जी ने चार वेद एवं भागवत महापुराण की रचना करके संपूर्ण मानव जाति के नैतिक उत्थान की दिशा में क्रांतिकारी विचार दिया है, जो युगों-युगों से हम सबको सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा दे रही है। कवि नरेंद्र पार्थ ने वर्तमान स्थिति में बेटों की चाहत पर जबरदस्त रचना पढ़े, तो युवा कवि छग्गु यास अडिल ने वर्तमान समय में समाज के चाल और चरित्र पर तगड़ा व्यंग करते हुए लाजवाब रचना पढक़र खूब वाह वाही लूटी।
पत्रकार एवं कवि डॉ रमेश सोनसायटी ने चुटिली अंदाज में वर्तमान पीढ़ी की समस्या को पंक्तिबद्ध किया। कवि रोहित माधुर्य ने सावन के स्वागत में बहुत ही बेहतरीन रचना पढक़र सबको रोमांचित कर दिया, तो गीतकार भारत प्रभु ने किसानों की महिमा पर उत्कृष्ट गीत गाकर माहौल को ऊँचाई प्रदान किया। अध्यक्ष मकसुदन साहू ‘‘बरीवाला’’ ने मंच को संबोधित करते हुए अपने अपने गुरुजनों के बताए हुये रास्ते पर चलकर कार्य करने का आह्वान किया। इस अवसर पर नगर के अनेक साहित्य प्रेमी उपस्थित थे। संचालन श्रवण कुमार साहू प्रखर ने किया।