गरियाबंद
![दिगंबर जैन मंदिर में चातुर्मास कलश की स्थापना दिगंबर जैन मंदिर में चातुर्मास कलश की स्थापना](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17217257402.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 23 जुलाई। नगर के सदर रोड पर स्थित दिगंबर जैन मंदिर शांतिनाथ जिनालय में आचार्य विराग सागर, आचार्य विशुद्ध सागर, आचार्य विभव सागर की शिष्या स्वाध्याय माताजी एवं चर्या माताजी का चातुर्मास कलश की स्थापना भव्य आयोजन के साथ संपन्न हुई। मंदिर जी से माताजी के सानिध्य में समाज के लोगों के द्वारा भव्य कलश यात्रा जैन भवन तक पहुंची। जहां सर्वप्रथम ध्वजारोहण कार्यक्रम सुनील कुमार, अनुभव, आदित्य जैन परिवार के द्वारा किया गया। तत्पश्चात मंडप उद्घाटन का कार्यक्रम हुआ। मंडप उद्घाटन बुढार से पधारे अतिथियों के द्वारा संपन्न किया गया।
रायपुर से पधारे राजेश रज्जन जैन ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए सर्वप्रथम मंगलाचरण कराया। मंगलाचरण के पश्चात दीप प्रज्वलन दिगंबर जैन पंचायत कमेटी के अध्यक्ष किशोर सिंघई, संरक्षक रमेश पहाडिय़ा, उपाध्यक्ष सुरित जैन, सचिव अखिलेश जैन एवं चातुर्मास कमेटी के संरक्षक सतीश जैन, अध्यक्ष अजीत चौधरी, उपाध्यक्ष अमर जैन, सचिव अंबर सिंघई, कोषाध्यक्ष रविंद्र सिंघई, सह सचिव सजय पाटनी, सांस्कृतिक सचिव अनुभव जैन के द्वारा किया गया। चित्र अनावरण बुढार भाटापारा रायपुर से आए अतिथियों के द्वारा किया गया।
माताजी द्वारा चातुर्मास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सावन सुदी पूर्णिमा से कार्तिक बदी अमावस्या तक चातुर्मास का काल रहता है। इस काल में वर्षा ऋतु में अनंत जीवों की उत्पत्ति हो जाती है। जिससे बिहार करने में उन जीवों की विराधना होती है। अत: जैन धर्म एवं अन्य अहिंसक समाज के साधु संत भी चार महीना एक जगह रुक कर धर्म की प्रभावना करते हैं। माताजी ने बताया कि चातुर्मास केवल हमारा हो रहा है ऐसा नहीं है बल्कि आप सभी का भी चातुर्मास हो रहा है। चातुर्मास मास में व्यापार व्यवसाय एवं अन्य कार्यों से निवृत होकर धर्म की साधना करना चाहिए। माताजी से चतुर्मास हेतु निवेदन करने के लिए पंचायत कमेटी के सदस्य, चातुर्मास कमेटी के सदस्य, महिला मंडल की सदस्य, ज्ञान ज्योति बहू मंडल की सदस्य विद्यार्थी बालिका मंडल के सदस्य एवं महावीर दिगम्बर जैन पाठशाला के शिक्षक एवं बच्चों के सहित समाज के सभी लोगों ने माता जी से नगर में चातुर्मास हेतु निवेदन किया। माताजी ने सभी के निवेदन को स्वीकार करते हुए चातुर्मास कलस की स्थापना नयापारा राजिम नगर में करने की सहमति प्रदान की।
चार महीनों में चातुर्मास करने हेतु सभी साधु संत एक जगह रुक कर वहां की समाज को धर्म लाभ करा ज्ञान की वृद्धि करते है। इसके लिए इन चार महीना के लिए चातुर्मास कलश की स्थापना की जाती है। कलश को चार माह तक मंदिर की में या संत निवास में रखकर साधु संतों के द्वारा अभिमंत्रित किया जाता है। यह रिद्धि सिद्धि कलश बाद में श्रावक को प्रदान किया जाता है।
प्रथम कलश अरिहंत कलश प्राप्त करने का सौभाग्य ममता चौधरी, मातेश्वरी आशीष सुप्रिया चौधरी, आगम चौधरी, शुत चौधरी परिवार को प्राप्त हुआ। द्वितीय कलश रिद्धि सिद्धि कलश मनोज कुमार, अनिल कुमार, जयकुमार जैन परिवार को आचार्य कलश संजय राजू, नीलू जैन परिवार को एवं चतुर्थ कलश ममता जैन, सुरित, समीर, निकिता, रिद्धि-सिद्दी जैन को एवं अंतिम कलश वाचना कलश मीना गदिया भाटापारा अंकित गदिया को सौभाग्य मिला। स्वाध्याय माताजी को वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य दिनेश, अरिहंत परिवार को एवं चर्या माताजी को वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य राजकुमार, प्रतिभा, पियूष, पंकज जैन परिवार को प्राप्त हुआ। माता जी के द्वारा प्रतिदिन सुबह 8.30 बजे से प्रवचन होगा एवं भक्तांबर का शिविर की क्रियाएँ आदि कराया जाएगा। रात्रि 6.30 बजे से आरती भक्ति के साथ भक्तांबर दीप प्रज्वलन 108 मंत्रो से अभिमन्त्रित किया जाएगा। भक्तांबर जी के 48 काव्यों के 48 कलश 48 दिनों मे स्थापित किए जाएंगे। दिगंबर जैन पंचायत कमेटी के अध्यक्ष किशोर सिंघई ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए समय पर सभी कार्यक्रमों में उपस्थित रहने हेतु निवेदन किया।