बेमेतरा

छर्रे वाली गोलियों से 17 बंदरों की मौत
01-Sep-2024 3:29 PM
छर्रे वाली गोलियों से 17 बंदरों की मौत

फसलों को पहुंचा रहे थे नुकसान , ग्रामीणों ने चौकीदार रखा था

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 1 सितंबर।
बेलगांव में छर्रे वाली गोलियां लगने से बंदरों की मौत हो गई। गांव से बंदर को भगाने के लिए रखे गए रखवार की छर्रे वाली गोलियों से हुई मौत की सूचना पर गांव में पहुची वन विभाग की टीम ने बंदरों की मौत होने की बात स्वीकार की, पर शव नहीं मिलने की बात कही। वारदात के सामने आने के बाद प्रकरण की जांच कराए जाने की मांग जोर पकडऩे लगी है।

‘छत्तीसगढ़’  को गांव में बंदरों के अस्थि पंजर व अवशेष मिले।
जानकारी के अनुसार थानखम्हरिया थाना क्षेत्र के ग्राम बेलगांव में बीते दिनों गांव में फसल को नुकसान पहुंचा रहे बंदरों को गांव से बाहर खदेडऩे के लिए बैठक लेकर रखवार व चौकीदार रखने की बात सहमति के साथ तय की गई थी, जिसके बाद बुधवार को दीगर गांव से आए बंदूकधारी रखवार ने गांव की गली में नजर आए बंदरों को भगाने के लिए गोली चलाई, जिससे कुछ बंदरों की मौत हो गई। वहीं कई बंदर घायल हुए थे, जिनकी मौत गुरुवार को होने की बात सामने आई। 
बंदरों की गोली लगने से मौत होने की खबर लगने के बाद वनपरिक्षेत्र साजा के डिप्टी रेेंजर श्रवण कुमार मंडावी व वनरक्षक गजेंद्र सिंह राजपूत दोनों ग्राम बेलगांव पहुंचे। उन्होंने गांव में उपस्थित लोगों के सामने पंचनामा तैयार किया। 

प्रकरण को लेकर बेमेतरा साजा रेंजर पुनीतराम लसेल ने बताया कि गांव में बंदरों की मौत गोली लगने से मौत होने की सूचना स्टाफ को भेजा गया था। गांव में एक भी बंदर का शव नहीं मिला है। गांव वालों के बंदर को नहीं मारने की हिदायत दी गई। थानखम्हरिया थाने में पदस्थ गौकरण मंडावी ने बताया कि गांव में इस तरह की घटना होने की सूचना मिलने पर वे गांव गए पर किसी प्रकरण का आवेदन प्रस्तुत नहीं होने की वजह से कार्रवाई नहीं की गई।

मेरे घर के सामने 10 बंदरों की मौत - पंच
ग्राम पंचायत पंच गीताराम वर्मा ने बताया कि अन्य गांवों से बंदर भगाने वालों को गांव में लाया गया था। गांव में तब 40 से अधिक बंदर थे। बुधवार को उसके घर के सामने ही बंदर भगाने वाले ने छर्रे से भरे बंदूक को चलाकर हमला किया, जिससे 10 बंदरों की मौत हो गई, जिसके दूसरे दिन घायल हुए बंदरों की मौत हो गई।

बंदरों की मौत हुई पर संख्या अधिक बता रहे 
संरपच प्रतिनिधि जितेंद्र कुमार ने बताया कि उसके गांव में कुछ लोगों ने बैठक लेकर बंदर भगाने के लिए आदमी रखने के लिए फोन पर पूछा था, जिसके बाद रखवार को रखा गया था। बुधवार को छर्रों से भरे बंदूक को चलाने से कुछ बंदरों की मौत हुई है, जिसे बढ़ाकर बताया गया था। पंचायत द्वारा रखवार रखने के लिए किसी प्रकार से सहमति नहीं दी गई थी।

गांव में बंदरों के अस्थि पंजर व अवशेष मिले 
सोशल मीडिया में वायरल खबर के अनुसार गांव में 17 बंदरों की मौत गोली लगने से हुई है। शनिवार को ‘छत्तीसगढ़’  ने थानखम्हरिया से 17 किलोमीटर दूर ग्राम बेलगांव में जाकर बंदरों की मौत होने की घटना का सच जानने का प्रयास किया। गांव के खेतों व सडक़ के आसपास कई जगहों पर बंदरों के अस्थि पंजर, अवशेष व पूंछ मिले हैं। 

गांव में नजर आई तस्वीर को देखकर माना जा सकता है कि कई बंदरों की मौत हुई है। बंदरों की मौत किस तरह से हुई है। इसकी जांच की जानी जरूरी है।

सोशल मीडिया में घटना की आलोचना
बंदरों की मौत की खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई। ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े लोगों ने इस घटना की जमकर आलोचना की। जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय तिवारी ने ग्राम बेलगांव में हुई बंदरों की मौत के मामले में तथ्यों के साथ जांच करने की मांग की। जांच के बाद दोषी पाए गए लोगों पर कार्रवाई करने की भी मांग की।

अनुविभागीय अधिकारी साजा टेकराम महेश्वरी ने कहा कि एक बंदर की मौत एक्सीडेंट से हुई है। उनको इस बात की जानकारी मिली है। विभाग से भी जानकारी ली गई है।
 

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