गरियाबंद
मुख्यमंच के दाहिने ओर बना विशाल डोम दर्शनार्थियों के रूकने की उत्तम व्यवस्था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 4 मार्च। छत्तीसगढ़ का प्रयाग राजिम तीन नदियों पैरी, सोंढुर और महानदी के संगम से बना हुआ है इसलिए इसे संगम तीर्थ भी कहा जाता है। यहां स्थित भगवान श्री राजीवलोचन और श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव के दर्शन करने के लिए दूर-दराज से दर्शनार्थी प्रतिदिन आते हैं और मंदिर के दर्शन कर पूजन और स्नान कर खुद को धन्य मानते है। इसकी ख्याति बहुत दूर-दूर तक फैली हुई है। इसलिए इन मंदिरों में पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता हैं। उनके ठहरने या विश्राम करने के लिए मुख्य मंच के आसपास ही एक विशाल डोम बना हुआ है।
धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्देश पर गरियाबंद कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर के मार्गदर्शन में श्रद्धालुओं एवं दर्शनार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखकर यह डोम बनाया गया है। छोटे-बच्चे, बुजुर्ग और युवा रात्रिकालिन कार्यक्रम देखने के लिए आते हंै जो आसपास के गांव के होते हैं। आने-जाने के लिए कोई साधन न होने पर उन्हें चिंता न हो इसलिए समय-समय पर पुलिस कंट्रोल रूम के सामने जो डोम बना हुआ वहां घोषणा किया जाता है कि रात के समय यहां विश्राम कर सकते हैं।
पांडुका से मेला घूमने आए साहू परिवार की जानकीबाई, श्यामबाई साहू, पार्वती, भारती साहू ने चर्चा के दौरान यह बताया कि हम अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ छोटे-छोटे बच्चों को लिए सुबह से आए हैं। मंदिर दर्शन के पश्चात हमें यह चिंता हो रही थी कि हम शाम तक क्या करें, तो यहीं के जनप्रतिनिधियों रतीराम साहू, विकास तिवारी ने बताया कि आप डोम में जाकर कुछ देर तक विश्राम कर सकते हैं। तो हम सभी यहंा विश्राम करने के पश्चात मेला घूमकर सांस्कृतिक कार्यक्रम देखें और हमारे रहने-ठहरने की चिंता दूर हो गई। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा इस प्रकार दूर-दराज के लोगों के लिए बनाया गया। डोम की व्यवस्था प्रश्ंासनीय और सराहनीय है।