गरियाबंद

हाथियों का दल दो भागों में बंटे, सिकासार जंगल और धमतरी की सीमा पर
28-Mar-2021 1:53 PM
हाथियों का दल दो भागों में बंटे, सिकासार जंगल और धमतरी की सीमा पर

सिकासार की ओर बढ़ रहे दल में दो शावक, गांवों में मुनादी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 28 मार्च।
हाथियों का दल दो भागों में बंट गए हैं। एक दल सिकासार जंगल की तरफ बढ़ रहा है, तो दूसरा दल धमतरी जिले के सीमा पर डेरा जमाये है। सिकासार की तरफ बढ़ रहे दल में दो शावक भी हैं। वन विभाग ने आसपास के गांवों में मुनादी करवाकर अकेले जंगल की तरफ नहीं जाने की अपील की है। 

इस संबंध में वन विभाग के एसडीओ राजेन्द्र सोरी ने बताया कि हाथियों का दल दो भागों में बंट गया है, एक दल वन परिक्षेत्र धवलपुर के बेगरपारा कक्ष क्रमांक 798 में शनिवार देर शाम तक डेरा डाले हुए हैं, जिसमें दो शावक भी है। वन विभाग द्वारा लगातार आसपास के गांव में मुनादी करवाकर लोगों को अकेले जंगल की तरफ नहीं जाने की अपील की जा रही है।

ज्ञात हो कि पिछले डेढ़ वर्षों से लगातार हाथियों का दल उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व सहित गरियबांद वनमंडल के जंगल को अपना रहनवास बना लिया है। कभी हाथियों का दल पहाड़ी क्षेत्र से होते हुए, धमतरी जिले पहुंच जाते हंै तो कभी मैनपुर के समीप फरसरा, छिन्दौला लुठापारा के जंगल में अचानक दबिश देते हंै। पिछले डेढ वर्षो के भीतर हाथियों के हमले से चार व्यक्तियों की मौत भी हो चुकी है, और तो और क्षेत्र के जंगल में तीन हाथियों की मौत भी हो चुकी है, जिसमें एक हाथी पारागांव नेशनल हाईवे के किनारे बिजली के तार से चिपक जाने से करंट से मौत हो गई थी। दो हाथी के शावक की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन ऐरिया कुल्हाड़ीघाट परिक्षेत्र के आमामोरा ओंढ क्षेत्र में मौत हो चुकी है, साथ ही लगातार हाथियों के दल के क्षेत्र में पहुंचने से और हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों में भारी दहशत देखने को भी मिल रहा है। हाथियों के दल ने अब तक सैकड़ों एकड़ फसलों को चौपट किया है, कई गरीबों के घरों को तोड़ा है। हालांकि वन विभाग द्वारा लाखों रूपये के मुआवजा राशि भी वितरण किया जा चुका है।

चार दिनों से हाथियों का दल धमतरी जिले की सीमा पर 
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बिन्द्रानवागढ़ वन परिक्षेत्र के धमतरी जिला क्षेत्र से लगे ग्रामीण ईलाकों में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है। हाथियों का दल कभी गरियाबंद जिला के भीतर के गांव में पहुंचकर जमकर उत्पात मचा रहा है, तो कभी अचानक धमतरी जिला सीमा पर चले जा रहा है, हालांकि वन विभाग एवं हाथी मित्र दल के सदस्य लगातार हाथियों के दल पर नजर रखे हुए हैं। बिन्द्रानवागढ वन परिक्षेत्र के धमतरी जिला से लगे गांवों खुटंगांव, सेमरढाप, खरता, मोहताई, जुनाडीह, हसौद में पिछले चार-पांच दिनों से हाथियों का दल लगातार पहुंच रहा है, और उनके द्वारा नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है।

नवागढ़ वन परिक्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी तुलाराम सिन्हा ने बताया कि लगभग 28 से 30 हाथियों का दल अंचल में घूम रहा है। कभी अचानक यह गरियांबंद जिले के बिन्द्रानवागढ़ वन परिक्षेत्र में आ प्रवेश कर जाता है तो कभी धमतरी जिले के तरफ बढ़ जाता है। हाथियों के द्वारा खरता, मोहलाई, सेम्हरढाप में फसलों को रौंदा गया है तथा खरता में नलकूप को उखाड़ दिया गया है। इसके अलावा किसानों के बाड़ी में भी तोडफ़ोड़ किया है। वन विभाग द्वारा लगातार आसपास के गांवों में मुनादी करवाकर लोगों को जंगल की तरफ अकेले नहीं जाने की समझाईश दिया जा रहा है। रात-रात भर जागकर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और हाथी मित्रदल के सदस्यों द्वारा हाथियों पर नजर रखे हुए हैं, साथ ही फसल क्षति व अन्य हाथियों के द्वारा जो क्षति पहुंचाया जा रहा है उनका निरीक्षण कर मुआवजा प्रकरण तैयार किया जा रहा है।

एक दल दो शावक के साथ सिकासार की तरफ
धमतरी जिले और गरियाबंद जिले के सीमा में डेरा डाले हाथियों का दल अब दो दल में बमट गया है। पिछले दो दिन से एक दल लगातार नेशनल हाईवे 130 को पार कर सिकासार जंगल के तरफ बढ़ रहा है, जिसमें दो नन्हें शावक होने की भी जानकारी मिली है। दो नन्हें शावकों के हाथियों के दल में होने के कारण इस दल की सुरक्षा को लेकर वन विभाग की भी चिंता बढ गई है और लगातार वन विभाग द्वारा हाथियों के दलों पर नजर बनाये हुए हैं। इस दल में अभी 13 हाथी बताए जा रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार हाथियों का दल जीरों चैन सिकासार जाने वाले मार्ग से बेगरपारा के पास रोड से 100 मीटर की दूरी पर कक्ष क्रमांक 798 वन परिक्षेत्र धवलपुर में एक तालाब किनारे शनिवार शाम को डेरा डाले हुए है, और इस दल के सिकासार जलाशय के तरफ पहुचने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

 

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