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क्रिप्टोकरेंसी / डिजिटल करेंसी क्या है ?
07-Dec-2021 12:58 PM
क्रिप्टोकरेंसी / डिजिटल करेंसी क्या है ?

इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव होगा ?

-डॉ तपेश चन्द्र गुप्ता

क्रिप्टोकरेंसी / डिजिटल करेंसी क्या है ?
Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना शब्द है. Crypto + Currency
Crypto शब्द लैटिन भाषा का है जो cryptography से बना है और जिसका मतलब होता है, छुपा हुआ/हुई अर्थात गुप्त. Currency शब्द भी लैटिन के currentia से बना है, जिसका प्रयोग मुद्रा के लिए किया है. इस प्रकार हम कह सकते है कि क्रिप्टोकरेंसी का अर्थ छुपा हुआ या गुप्त मुद्रा.
 
क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान में बहुचर्चित आर्थिक विषय है। विश्वस्तरीय लोकप्रियता के साथ-साथ भारत में भी इसमें निवेश करने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। यदपि इस अनियमित बाजार में आर्थिक जोखिम को ध्यान में रखते हुए आम जनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार और रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के डिजिटल करेंसी पर प्रतिबन्ध लगाने की मानसिकता तैयार कर ली है और संभवत: चालू शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित बिल पेश हो। ज्यादातर लोगों में यह जिज्ञाषा है कि आखिर ये क्रिप्टो करेंसी है क्या और यह किसे काम करती है ?   

डिजिटल करेंसी क्या होती है ?
वस्तुत: यह क्रिप्टो करेंसी आर्थिक व वित्तीय लेन-देन का एक माध्यम है। जो कि किसी भी देश की प्रमाणित मुद्रा जैसे भारतीय में रुपये और अमेरिकी में डॉलर के समान, अंतर बस इतना है कि यह एक आभाषी मुद्रा है जिसे न तो देखा जा सकता और ना ही छूआ जा सकता इसे सिर्फ गणनात्मक रूप में महसूस किया जा सकता है। इसलिए इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं। इस डिजिटल करेंसी का पूरा सौदा या लेनदेन ऑनलाइन माध्यम से ही संचालित होता है। सामान्यत: जब दो देशों के बीच सौदा या व्यापार होता है तो वहां पर उस देश की मुद्रा और केंद्रीय बैंक मध्यस्त होते हैं किन्तु डिजिटल करेंसी के मामले पर कोई भी मध्यस्थ नहीं होता और इसे एक नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन संचालित किया जाता है। यह मुद्रा किसी के जेब या लाकर में नहीं राखी जा सकती बल्कि यह पूर्णत: ऑनलाइन रहती है जो डिजिटल हस्ताक्षर से संचालित होती है.

अनियंत्रित कारोबार के चलते डिजिटल करेंसी के माध्यम से संचालित बाज़ार को अनियमित बाजार के रूप में देखा जाता है, जो कि किसी को भी अचानक धनवान / अमीर बना सकता है और एक झटके में उसे कंगाल / गरीब बना सकता है। फिर भी लोक सट्टा बाज़ार में जोखिम लेने को तैयार है और स्वेच्छा या आज़ादी का सौदा करने को तैयार है, इस लिए डिजिटल करेंसी का बाज़ार लोकप्रिय होता जा रहा है।
 
सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन है जो कि दुनिया की सबसे ज्यादा मूल्यवान और लोकप्रिय डिजिटल करेंसी है। बिटक्वाइन डिजिटल करेंसी का क्रिप्टो बाजार में 78% कब्जा है फिर भी प्रतिस्पर्धा में बाजार हजारों की संख्या में डिजिटल मुद्राएं चलन में आ गईं। लोकप्रिय डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन के बाद दूसरे क्रम पर लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी इथेरियम है । वैसे डिजिटल करेंसीका कारोबार लगभग दुनिया के अधिकाँश देशों में पहुँच चुका है। अन्य डिजिटल करेंसी में पोल्काडॉट, टेथर, लाइटक्वाइन, डॉजक्वाइन समेत अन्य हजारों की संख्या में डिजिटल करेंसी प्रचालन में हैं।

डिजिटल करेंसी कंप्यूटर प्रणाली से संचालन  
डिजिटल करेंसी {आसान भाषी मुद्रा} / क्रिप्टो करेंसी एक प्रकार की व्यापारिक मुद्रा प्रणाली है, जो एक निजी कंप्यूटर सूत्र से जुड़ी हुई है और कंप्यूटर एल्गोरिदम पर कार्य करती है। इस डिजिटल करेंसी पर किसी भी देश या सरकार का कोई  भी नियंत्रण नहीं है। फिर भी कुछ देश इसे मान्यता प्रदान कर रहे हैं।

ब्लॉकचेन पद्धति का प्रयोग
डिजिटल करेंसी एक कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए नियंत्रित किया जाता है। जिसमें  हर एक व्यापारिक सौदे को डिजिटल हस्ताक्षर के माद्यम से प्रमाणित किया जाता है। इन सौदों की जानकारी का संग्रहण {रिकोर्ड} ओर नियंत्रण क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से किया जाता है। इसमें सभी कारोबार कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से चलता है। डिजिटल करेंसी के माद्यम से किये गए प्रत्येक सौदे के लिए जिस प्रणाली का प्रयोग किया जाता है उसे ब्लॉकचेन कहते हैं। जो कि  डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड (कोडेड) होती हैं। डिजिटल करेंसी के माद्यम से कोई सौदा होता है तो उसकी प्रविष्टि ब्लॉकचेन में हो जाती है, इस प्रकार एक ब्लॉक बन जाता है या यूँ कहें कि ब्लॉक बन जाता है।

डिजिटल करेंसी कैसे खरीदा जाए ?
लोकप्रियता के इस दौर में यह बात काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि हम  डिजिटल करेंसी / क्रिप्टो करेंसी कैसे प्राप्त या क्रय करें ? डिजिटल करेंसी खरीदने के लिए सर्वाधिक सुरक्षित माध्यम “क्रिप्टो एक्सचेंज” है। क्रिप्टो ट्रेडिंग और विनियोजन हेतु प्रत्येक क्रेता को सम्बंधित एक्सचेंज की साइट पर साइनअप करने के बाद अपनी KYC की प्रक्रिया करते हुए निर्देशित वॉलेट पर मांगी गई राशि देना होता हैं एक्सचेंज पर पंजीकरण पूर्ण होने के बाद डिजिटल करेंसी क्रय किया जा सकता है। विश्व में अनेक क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज काम कर रहे हैं। भारत में अनेक एक्सचेंज संचालित है जो 24 घंटे खुला रहता है। जहां से अंतरराष्ट्रीय डिजिटल मुद्राएं खरीदी  व बेचा जा सकता हैं। भारत सरकार द्वारा इसे प्रतिबंधित किये जाने की बात कही गई है अत: इससे ज्यादा या विस्तृत जानकारी नही दे पाऊँगा.

भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
1.    डिजिटल करेंसी / क्रिप्टो करेंसी किसी भी सरकार के नियंत्रण से मुक्त होने के कारण अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ने का भय अत: रोका जाए.
2.    हर राष्ट्र को अपने देश की मुद्रा स्फीति दर व आर्थिक नियंत्रण का अधिकार है वः खंडित हो रहा है और नई आर्थिक परेशानी व कठनाई को जन्म दे रहा है .
3.    आर्थिक विकास दर की गणना या प्रति व्यक्ति आय, कुलसकल घरेलु आय / उत्पादन की गणना की समस्या होने से आर्थिक विकास दर की गणना की समस्या जन्म लेगी.
4.    कर गणना – संकलन – अपवंचन की समस्या प्रत्येक देश के लिए जन्म लेगी.
5.    गुप्त धन में वृद्धि होगी जिसे हर देश समाप्त करना चाहता है.
6.    विदेशी व्यापार नियंत्रण समाप्त हो जाएगा, अर्थ व्यवस्था चौपट हो जायेगी.
7.    ऋण और जमा पर ब्याज दर की गणना / निर्धारण की समस्या
8.    आम जनता में आर्थिक ज्ञान का आभाव के कारण विपरीत प्रभाव होगा और समाज में आर्थिक विषमता / असंतुलन जन्म लेगी.
9.    आर्थिक अपराध में वृद्धि, छलकपट या अनियमितता की दशा में नियंत्रण व समाधान की समस्या
10.     राजस्व वसूली और योजना संचालन की समस्या भी होगी.
11.     भारतीय केन्द्रीय बैंक रिजर्व बैंक की भूमिका चुनौतीपूर्ण होगी या शून्य कुछ भी नहीं कहा जा सकता.  
12.     आर्थिक अनियमितता के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा भी खतरे पर पड़ सकती है.  
13.     एक प्रकार का यह सट्टा बाज़ार है, जो एक तरफ़ा स्वीकार नही किया जा सकता.
14.     आर्थिक अनिश्चितता दौर शुरू हो जाएगा.
15.     भारत की मिश्रित अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत संचालित है जो पूंजीवादी में परिवर्तित हो जाएगा जिसका समाज पर विपरीत प्रभाव होगा.

डिजिटल करेंसी / क्रिप्टो करेंसी के प्रभाव का अध्ययन करते वक्त हमें यह भी ध्यान में रखना होगा कि यूरोप देशों ने अपनी मुद्रा को एकीकृत कर यूरो स्वीकार कर लिया है, ऐसी दशा में उन देशों के लिए अपनी-अपनी संप्रभुता बचाए रखने के लिए कुछ भी शेष नहीं है पर एशियाई देशों के लिए यह बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण होगा. वैसे भी एशियाई देश आर्थिक व शैक्षणिक  रूप से समृद्धशाली नहीं है तब यह आर्थिक परिवर्तन हर देश की व्यवस्था को ध्वस्त / चौपट कर देगा. आफ्रिकन देश जो दूसरों पर आश्रित है उन पर तो कोई प्रभाव नहीं होगा, किन्तु अन्य देश जो विकाशील है वे आर्थिक परिवर्तन से अपना अस्तित्व भी खो सकते है. यह के बेहद जटिल और गंभीर समस्या है. मुझे तो बेहद आश्चर्य है कि इस बड़े आर्थिक परिवर्तन पर विश्व बैंक अनभिज्ञ की तरह क्यों खामोश है ? यदि विश्व बैंक कुछ कदम नहीं उठा रही है तो भारत सरकार को चाहिए कि इस डिजिटल करेंसी / क्रिप्टो करेंसी गुप्त मुद्रा के प्रचालन के सन्दर्भ में विश्व बैंक को हस्तक्षेप करने हेतु कार्यवाही करे, यह समस्या सिर्फ भारत की ही नहीं पूरे विश्व के देशों के संप्रभुता का प्रश्न है .
(प्राध्यापक (वाणिज्य) शासकीय जे.योगानंदम छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर)

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