सामान्य ज्ञान
खाने में हींग का उपयोग सदियों से होता आया है। इसके औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग दवाइयां बनाने में भी किया जाता है। टुकड़े और पाउडर, दोनों रूप में ही इसका उपयोग किया जाता है। अचार सहित अनेक खाद्य वस्तुओं को सुरक्षित रखने के लिए उसमें हींग डाला जाता है। भारत में पुराने जमाने में खासतौर से अफगानिस्तान और ईरान से हींग मंगाई जाती थी।
हींग एशिया में पाए जाने वाले एक बारहमासी पौधे का गोंदनुमा सूखा रस होता है। इस पौधे की टहनियां 6 से 10 फीट ऊंची हो जाती हैं। इसमेेंं हरापन लिए हुए पीले रंग के फूल निकलते हैं। इसकी जड़ों को जब काटा जाता है तो वहां से एक दूधिया रस निकलता है। इसे एकत्र कर लिया जाता है। सूखने पर यह भूरे रंग के गोंद जैसा हो जाता है। इसे ही हींग कहा जाता है। हींग का पौधा तुर्की, अफगानिस्तान और ईरान में होता है। ईरान में तो लगभग हर तरह के भोजन में इसका प्रयोग होता है। भारत में भी इसका उपयोग बहुतायक में होता है। इसमें औषधीय गुण में बहुत हैं। हाजमे के लिए हींग का सेवन अच्छा माना जाता है। इसके सेवन से खांसी भी दूर होती है।