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छत्तीसगढ़ : कड़ाई नहीं तो लॉकडाउन लगाना पड़ेगा
03-Jan-2022 1:51 PM
छत्तीसगढ़ : कड़ाई नहीं तो लॉकडाउन लगाना पड़ेगा

10 दिनों में 4 गुना बढ़े कोविड के सक्रिय मामले
औसत पॉजिटिविटी भी 0.11 से बढ़कर 1.81 हुआ

-जेके कर
छत्तीसगढ़ में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहें हैं दूसरी तरफ लोग बेपरवाह बिना मास्क के घूम रहें हैं. बाज़ारों तथा चौक-चौराहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है. खुद राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 दिनों में ही औसत पॉजिटिविटी दर 0.11 से बढ़कर 1.81 फीसदी का हो गया है. वहीं, कुल सक्रिय मामलें 296 से बढ़कर 1272 हो गया है. छत्तीसगढ़ में कोरोना के सबसे ज्यादा सक्रिय मामलें राजधानी रायपुर में 301, रायगढ़ में 257, बिलासपुर में 235 तथा दुर्ग में 112 हैं. इसी तरह कोरबा में 97 तथा जांजगीर-चांपा में 69 है. अगर यही स्थिति बनी रही तो अगले 10-20 दिनों में स्थिति भयावह हो जायेगी. ध्यान रहें, ओमिक्रान वरियेंट सबसे संक्रामक वरियेंट है. कुछ विशेषज्ञों का तो मानना है कि मानव इतिहास का यह सबसे संक्रमणकारी वाइरस का रूप है. जाहिर है कि इससे बचने के लिये फौरी सक्रियता की जरूरत है.

उल्लेखीय है कि 2 जवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि विश्व स्तर पर, देश अपने पहले के शीर्ष मामलों की तुलना में कोविड-19 मामलों में 3 से 4 गुना वृद्धि का अनुभव कर रहे हैं. ओमिक्रॉन वैरिएंट के अत्यधिक तेजी से फैलने के कारण, कोविड मामलों में तेज वृद्धि चिकित्सा प्रणाली को प्रभावित कर सकती है. इसलिये उन्होंने राज्यों को तेज वृद्धि को प्रबंधित करने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार करने में कोई कसर नहीं छोड़ने की सलाह दी, जिससे कि भारत कोविड-19 के इस प्रकोप से सुरक्षित रह सके. डॉ. मांडविया ने कहा कि कोविड का चाहे कोई भी वैरिएंट हो, तैयारी और सुरक्षा के उपाय समान ही बने रहेंगे.

बेशक, राज्य सरकार कोरोना के मरीजों के लिये चिकित्सीय तौर पर तैय्यार है लेकिन कोरोना संक्रमण को रोकना उससे भी ज्यादा जरूरी है. गौरतलब है कि लॉकडाउन अंतिम विकल्प है तथा इससे अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. सबसे ज्यादा बुरी स्थिति रोज कमाने खाने वालों की हो जाती है. दूसरी तरफ, जनता कोविड फैटिग का भी शिकार है. अब मास्क पहनना उसे पसंद नहीं आ रहा है. ऐसे में राज्य सरकार को कड़ाई से मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना चाहिये. यदि शाम 6 बजे से ही नाईट कर्फ्यू लगाया जाये तो संक्रमण को फैलने से बहुत हद तक कम किया जा सकता है. कुछ भी हो नाईट कर्फ्यू लगाना, लॉकडाउन लगाने से बेहतर विकल्प है. हां, कुछ राज्यों ने रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक का नाईट कर्फ्यू लगाया है लेकिन उससे ख़ास फायदा नहीं होता है.

बता दें कि 30 दिसंबर को ही राज्य सरकार ने कोविड-19 एवं नये वरियंट ओमिक्रान के संक्रमण के नियंत्रण के लिये धार्मिक, खेलकूद, सामाजिक तथा अन्य समस्त प्रकार के आयोजन हेतु कार्यक्रम स्थलों पर अब केवल एक तिहाई क्षमता तक ही व्यक्तियों को भाग लेने की अनुमति दी है. नव वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजन होने वाले कार्यक्रम स्थलों पर भी केवल एक तिहाई क्षमता तक ही व्यक्ति भाग ले सकने को कहा था. इसके पहले कार्यक्रम स्थलों पर क्षमता के 50 फीसदी तक ही व्यक्तियों को भाग लेने की अनुमति प्रदान की गई थी. जिसमें आंशिक संशोधन कर अब केवल एक तिहाई क्षमता तक ही व्यक्तियों को भाग लेने की अनुमति प्रदान की गई.

छत्तीसगढ़ की औसत पॉजिटिविटी दर एवं कुल सक्रिय मामले-

2 जनवरी- औसत पॉजिटिविटी दर 1.81 तथा कुल सक्रिय- 1272
1 जनवरी- औसत पॉजिटिविटी दर 1.18 तथा कुल सक्रिय- 1017
31 दिसंबर- औसत पॉजिटिविटी दर 0.75 तथा कुल सक्रिय- 769
30 दिसंबर- औसत पॉजिटिविटी दर 0.61 तथा कुल सक्रिय- 597
29 दिसंबर- औसत पॉजिटिविटी दर 0.45 तथा कुल सक्रिय- 463  
28 दिसंबर- औसत पॉजिटिविटी दर 0.30  तथा कुल सक्रिय- 393
27 दिसंबर- औसत पॉजिटिविटी दर 0.23  तथा कुल सक्रिय- 345
26 दिसंबर- औसत पॉजिटिविटी दर 0.41  तथा कुल सक्रिय- 330
25 दिसंबर- औसत पॉजिटिविटी दर 0.28  तथा कुल सक्रिय- 313
24 दिसंबर- औसत पॉजिटिविटी दर 0.11 तथा कुल सक्रिय- 296

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