सामान्य ज्ञान

क्या है बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट मॉडल?
03-Jan-2022 2:28 PM
क्या है बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट मॉडल?

वर्ष 2006 में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेट या बिजनेस फैसिलिटेटर्स जैसे नॉन बैंक इंटरमीडियरीज इस्तेमाल करने की इजाजत दी। इसका मकसद उन इलाकों तक बैंकिंग और दूसरी फाइनैंशल सर्विसेस का दायरा बढ़ाना था, जहां बैंकों के ब्रांच नहीं हैं। आरबीआई इसके जरिए फाइनैंशल इनक्लूजन अभियान को आगे बढ़ा रहा है।

बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट खुद बैंक की तरह काम करते हैं। वे डिपॉजिट लेते हैं और बैंक की ओर से छोटे लोन भी दे सकते हैं। बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट माइक्रो इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड प्रॉडक्ट्स और पेंशन प्रॉडक्ट्स भी बेचते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने कई इकाइयों को बैंकों के बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट के तौर पर काम करने की इजाजत दी है। इसके तहत सोसाइटीज/ट्रस्ट ऐक्ट के तहत बने एनजीओ/एमएफआई, म्यूचुअली एडेड को-ऑपरेटिव सोसाइटीज ऐक्ट या को-ऑपरेटिव सोसाइटीज ऐक्ट्स ऑफ स्टेट्स के तहत पंजीकृत सोसाइटीज शामिल हैं। इसमें पोस्ट ऑफिस और रिटायर्ड बैंक एंप्लॉयीज, एक्स सर्विसमैन और रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं।

बिजनंस कॉरेस्पॉन्डेंट टर्म को आमतौर पर बिजनेस फैसिलिटेटर्स (बीएफ) भी कहा जाता है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने इन दोनों के बीच साफ लकीर खींच रखी है। बिजनेस फैसिलिटेटर्स आमतौर पर कर्ज लेने वालों की पहचान करने, लोन ऐप्लिकेशन की प्राथमिक प्रक्रिया पूरी करने (प्राथमिक सूचनाओं का वेरिफिकेशन), सेविंग और दूसरे प्रॉडक्ट्स को लेकर लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने, बैंकों तक ऐप्लिकेशन जमा करने, रिकवरी से जुड़ी जानकारी जुटाने और डेट काउंसलिंग का काम करते हैं। हालांकि, इनके कामकाज में बैंकिंग बिजनेस शामिल नहीं है। यह बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट के कामकाज में शामिल है।
-----
क्या है स्टार्ट 2 समझौता
3 जनवरी वर्ष सन 1993 ईसवी को रूस और अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन और बिल क्लिंटन ने स्टार्ट-2 नामक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के अनुसार दोनों पक्ष वचनबद्ध हुए कि अपने परमाणु हथियारों के भंडार का दो तिहाई भाग कम करेंगे। यह समझौता परमाणु हथियारों को कम करने के रूस और अमरीका के स्टार्ट-1 समझौते का पूरक है।

स्टार्ट-1 पर 1987 ईसवी में रूस के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाच्योफ और अमरीकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों ने समझौता किया था कि अपने कम और मध्यम दूरी के मारक प्रक्षेपास्त्रों को नष्ट करेंगे। अमरीका ने स्टार्ट-2 समझौता इसलिए किया गया क्योंकि सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस ने पश्चिम के साथ सहकारिता की नीति अपना ली थी और अमरीका के लिए कोई बड़ा ख़तरा नहीं रह गया था।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news