सामान्य ज्ञान

अध्यात्मोपनिषद
31-Jan-2022 12:23 PM
अध्यात्मोपनिषद

अध्यात्मोपनिषद का अवतरण शुक्ल यजुर्वेद की शाखा के रूप में हुआ है। यह उपनिषद आत्मा की शुचिता को दर्शाता है। इस उपनिषद में ब्रह्म तथा जीव के संबंधों एवं परमात्मा की सत्ता के बारे में बताया गया है। मनुष्य को सद्कर्मों का पालन करना चाहिए परमात्मा की शक्ति को समझना चाहिए तथा प्राणी मात्र का कल्याण करने से ही विश्व में प्रेम और सदभाव की भावना मौजूद रहती है।

अध्यात्मोपनिषद के ज्ञान को सर्वप्रथम सदाशिव ने देव पुत्र अपान्तरतम को दिया इसके पश्चात अपान्तरतम ने यह विधा ब्रह्मा को प्रदान की। ब्रह्मा ने यह विधा आंगिरस ऋषि को सौंप दी और घोर ऋषि आंगिरस ने यह विधा एक गाड़ीवान जिसका नाम रैक्व था उसे प्रदान की। और रैक्व ने इस विधा को परशुराम को समर्पित किया तत्पश्चात परशुराम जी ने इस महत्वपूर्ण शिक्षा को समस्त विश्व के जीवों को दिया जिससे प्राणियों का उद्धार हो सके।

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