सामान्य ज्ञान
तटरक्षक या तटरक्षक बल एक नौसेना के समान सैन्य या अर्द्ध-सैन्य संगठन होता है, परन्तु इसका मुख्य कर्तव्य आतंकवाद और अपराध से एक देश के समुद्री क्षेत्रों की रक्षा करना है, इसके अतिरिक्त यह खतरे में पड़े पोतों और नौकाओं को बचाने का कार्य भी करते हैं।
भारत का बल भारतीय तटरक्षक कहलाता है। कई देशों मे तटरक्षक बल एक कानून प्रवर्तन संगठन की भूमिका भी निभाते हैं। जिसका सूत्र वाक्य है वयम रक्षाम:। भारतीय तटरक्षक बल रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। इसकी स्थापना 1978 में रुस्तमजी समिति की अनुशंसा पर विशेष आर्थिक क्षेत्रों की देखभाल तथा रक्षा के लिए की गई थी। तटरक्षक बल सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण तथा विशेष आर्थिक क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को बनाए रखना है। इसके अतिरिक्त तटरक्षक बल निम्न महत्वपूर्ण कार्य करता है- तटरक्षा सुरक्षा समिति के साथ समन्वय,राष्ट्रीय मैरीटाइम बचाव एवं खोज समन्वय प्राधिकरण,तटीय एवं समुद्री सीमा की प्रमुख इंटेलिजेंस एजेंसी और जलसीमा क्षेत्र की तट रक्षा।
तटरक्षा परोपकार संघ (सीजीबीए) एक न्यास संगठन है, जिसकी प्रमुख जिम्मेदारी सेवारत तथा सेवानिवृत्त कर्मियों एवं उनके परिजनों के लिए कल्याणकारी तथा उदार योजनाओं का संचालन करना है।
तटरक्षक कर्मियों और उनके परिवार वालों को सशस्त्र बलों के अस्पताल या अन्य चिकित्सकीय उपक्रम की सुविधाएं स्थाई आधार पर प्रदान की जाती हैं। इन सुविधाओं में अस्पताल के अलावा बीमारी कक्ष/एसएसक्यू/दंत केंद्र तथा एमआई कक्ष उपलब्ध कराया जाता है।